
बेंगलुरु। कर्नाटक में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान के तहत राज्य लोकायुक्त ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्यभर में कई सरकारी अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे। यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के तहत की गई। कोप्पल जिले में एजीओ के आवास पर छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, सोने और चांदी के आभूषण बरामद किए गए। इसी तरह, कलबुर्गी में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कार्यकारी अभियंता सुनील कुमार के आवास और कार्यालय पर भी लोकायुक्त टीम ने छापे मारे। अधिकारी कलबुर्गी जिले में कार्यरत हैं और मूल रूप से बीदर जिले के हुमनाबाद तालुक के निवासी हैं। तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए, जिनकी जांच जारी है। बीदर में भी नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के सहायक निदेशक मारुति बागली के ठिकानों पर छापा पड़ा, जहाँ से नकदी, सोने के आभूषण, घड़ियाँ और अन्य कीमती सामान जब्त किए गए। इस छापेमारी का नेतृत्व लोकायुक्त के उप पुलिस अधीक्षक हनुमंतराय ने किया। यह कार्रवाई पिछले महीने की उस छापेमारी की कड़ी में हुई है, जब गडग टाउन पुलिस स्टेशन के डीबी पाटिल सर्कल के सीपीआई परशुराम कवतागी से जुड़ी सात संपत्तियों पर लोकायुक्त ने छापेमारी की थी। वह अपनी घोषित आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों में घिरे हैं। उस समय भी गडग, बागलकोट, जामखंडी और केरूर में एक साथ छापे मारे गए थे। लोकायुक्त अधिकारियों के अनुसार, इन सभी छापों का उद्देश्य अवैध रूप से अर्जित संपत्ति और वित्तीय अनियमितताओं की पहचान करना है। वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं अधिकारियों ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर संपत्ति तो नहीं जुटाई। इसी सिलसिले में, शिवमोग्गा जिले में एक सहायक सरकारी अधिकारी (एजीओ) के खिलाफ भी छापेमारी की गई है। इस अधिकारी पर शिवमोग्गा अपराध संख्या 9/25 के तहत मामला दर्ज किया गया है और उनके परिसरों की तलाशी ली गई है ताकि आय से अधिक संपत्ति के प्रमाण इकट्ठा किए जा सकें। राज्यभर में एक के बाद एक सामने आ रहे ऐसे मामलों से यह स्पष्ट हो गया है कि कर्नाटक में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए लोकायुक्त एक सक्रिय और संगठित अभियान चला रहा है।