
भंडारा। पवनी तहसील के गराडापार इलाके में तेंदुए के लगातार हमलों से क्षेत्र में भारी दहशत का माहौल बन गया है। आधी रात हुए ताज़ा हमले में 10 बकरियां मारी गईं, जबकि एक बकरी अब भी लापता है। इस घटना के बाद पूरे गांव में भय व्याप्त हो गया है। बीते दो–तीन महीनों से वाही जंगल क्षेत्र में तेंदुए की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। इसी दौरान सिंगोरी और येरवा गांवों में भी पशुओं पर हमलों की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जंगल से सटे गांवों के लोग सतर्क तो हैं, लेकिन तेंदुओं की आवाजाही को नियंत्रित करना दिन–प्रतिदिन कठिन होता जा रहा है। बुधवार, 19 नवंबर को तड़के लगभग 3 बजे गराडापार में किसान सुधाकर पंचभाई के घर के पास स्थित तबेले में तेंदुआ घुस गया और उसने मवेशियों पर हमला कर दिया। प्रभावित किसानों के अनुसार तबेले में मौजूद चार बकरियां और चार बकरे मौके पर मारे गए, जबकि एक बकरी अभी तक लापता है। प्रारंभिक आकलन में सुधाकर पंचभाई को लगभग दो लाख रुपये के आर्थिक नुकसान का अनुमान है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि गांव के पशुपालक लगातार खतरे के साए में जीवन जी रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग के अधिकारी डॉ. निरगुडे मौके पर पहुंचे और मृत बकरियों की जांच कर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की। वहीं, वन विभाग की फॉरेस्ट इंस्पेक्टर वृषाली नागदेवे, कर्मचारी सौंदाडे और डेविड मेश्राम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया। वन विभाग की ओर से बताया गया है कि स्थानीय लोगों और किसानों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त और ठोस कदम उठाए जाएंगे। घटना के बाद गराडापार सहित आसपास के गांवों में भय का माहौल और गहरा गया है। किसान अब रात के समय अपने मवेशियों की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं। तेंदुओं की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल प्रभाव से सुरक्षा और बचाव के पुख्ता उपाय लागू करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और लोगों का भय दूर हो।




