Wednesday, February 5, 2025
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संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में जल्द शुरू होगी तेंदुआ सफारी: पालकमंत्री एड.आशीष शेलार

मुंबई। बोरीवली के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुआ की सफारी जल्द ही शुरू होने जा रही है, इस बात की घोषणा आज राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक कार्य मंत्री तथा मुंबई उपनगर के पालकमंत्री एड.आशीष शेलार ने की। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस उद्यान में दो शेरों को दत्तक लिया गया है। मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर, मुख्य वनरक्षक श्रीजी मल्लिकार्जुन, उपसंचालक रेवती कुलकर्णी, सहायक वनरक्षक सुधीर सोनवणे, मुख्य सुरक्षा अधिकारी योगेश महाजन और अन्य संबंधित अधिकारी मंत्री शेलार के साथ इस उद्यान का निरीक्षण करने के दौरान उपस्थित थे। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में बाघ और शेर की दो सफारी उपलब्ध हैं। साथ ही, बिबटिएं जो महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में मिली थीं, उनका संरक्षण इस उद्यान में किया जा रहा है, लेकिन इनकी सफारी पर्यटकों के लिए उपलब्ध नहीं है। बिबट्य की सफारी के लिए लगभग 30 हेक्टेयर ज़मीन की आवश्यकता होगी, जो इस क्षेत्र में उपलब्ध है। इसके लिए प्रोजेक्ट स्थापित करने में करीब 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मुख्य वनरक्षक श्रीजी मल्लिकार्जुन ने मंत्री को बताया कि यदि तेंदुआ की सफारी उपलब्ध होती है, तो इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और वन क्षेत्र का आय भी बढ़ेगा। इसके बाद, मंत्री आशिष शेलार ने इस क्षेत्र में नई बिबट्य की सफारी शुरू करने के लिए धन का इंतजाम वन विभाग और जिला नियोजन समिति से कराने का आश्वासन दिया और जिलाधिकारी को तात्कालिक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि “भारत” और “भारती” नामक दो तीन वर्षीय शेरों को हाल ही में 26 जनवरी को गुजरात से लाया गया है और उन्होंने वर्षभर के लिए इनका पालन-पोषण करने का जिम्मा लिया है। इसके लिए होने वाले खर्च को मंत्री व्यक्तिगत रूप से उठाएंगे। अंत में, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में 400 वन मजदूर हैं, जो मौसम की परवाह किए बिना और वन्य प्राणियों के निवास स्थान पर अपनी जान को जोखिम में डालकर गश्ती करते हैं। इनमें से अधिकांश आदिवासी समुदाय से हैं। मंत्री शेलार ने यह भी देखा कि जब मानव बस्ती में वन्य प्राणी घुसते हैं, तो उन्हें पकड़ने के लिए 11 सदस्यों की टीम भी मौजूद है, लेकिन इनका सुरक्षा बीमा नहीं किया गया है। इस पर मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को तात्कालिक निर्देश दिए कि इन सभी के लिए सुरक्षा बीमा कराएं, और इसके लिए आवश्यक धन की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया।

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