कोल्हापुर। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुजुर्गों को समाज की अमूल्य धरोहर बताते हुए राज्य की नई मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का ज्ञान और अनुभव एक समृद्ध विरासत है, और उनके जीवन में खुशी और संतुष्टि लाना हमारी जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य से सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग ने सभी धर्मों के 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए यह योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री ने राज्यभर में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस योजना का उद्घाटन किया, जबकि कोल्हापुर से चिकित्सा शिक्षा और विशेष सहायता मंत्री हसन मुश्रीफ ने रेल यात्रा को हरी झंडी दिखाकर योजना की शुरुआत की। कोल्हापुर में आयोजित इस कार्यक्रम में 800 वरिष्ठ नागरिकों ने “जय श्रीराम” के नारों के साथ अपनी तीर्थ यात्रा अयोध्या के लिए प्रारंभ की। सांसद धैर्यशील माने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि यह योजना बुजुर्गों को देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की यात्रा का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुष्टि प्राप्त कर सकेंगे। सरकार उनके यात्रा, ठहरने और भोजन का पूरा खर्च उठाएगी। यात्रा के दौरान चिकित्सा सहायता और देखरेख के लिए विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। इस योजना के तहत राज्य के 66 और देशभर के 73 तीर्थ स्थलों की यात्रा कराई जाएगी, और यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से संचालित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह योजना राज्य के सभी जिलों में सफलतापूर्वक लागू होगी और वरिष्ठ नागरिकों को इसका भरपूर लाभ मिलेगा। तीर्थयात्रा में शामिल ज्येष्ठों के लिए रेलवे में औषध, चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। जेष्ठ नागरिकों की मदद के लिए सामाजिक न्याय विभाग के 10, चिकित्सा मदद के लिए 3 और आयआरसीटीसी के 24 कर्मचारी नियुक्त किए गए है। कोल्हापुर से शुरू होनेवाले मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का अब राज्य के सभी जिलों से क्रियान्वयन शुरू होगा, यह विश्वास मुख्यमंत्री शिंदे ने इस दौरान व्यक्त किया।