
नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मुद्दे पर सुनवाई टाल दी है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 जनवरी 2026 की तारीख तय की है। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित कई अन्य आरोपी शामिल हैं। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सभी आरोपियों से संबंधित सत्यापन रिपोर्ट अदालत में पेश की। सीबीआई ने अदालत को बताया कि इस मामले में कुल 103 आरोपी हैं, जिनमें से पांच की मृत्यु हो चुकी है। इससे पहले 8 दिसंबर को अदालत को जानकारी दी गई थी कि कुछ आरोपियों का निधन हो चुका है, जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को उनकी पुष्टि कर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपियों की स्थिति से संबंधित सत्यापन रिपोर्ट पूरी हो चुकी है और जिन आरोपियों का निधन हो गया है, उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त की जाती है। इसके बाद अदालत ने मामले में आगे की कार्यवाही और आदेश सुनाने के लिए 9 जनवरी 2026 की तारीख तय की। सीबीआई ने इस कथित घोटाले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। जांच एजेंसी का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में रेलवे के पश्चिम मध्य जोन में ग्रुप-डी पदों पर नियुक्तियों के बदले जमीन ली गई। सीबीआई का दावा है कि ये नियुक्तियां नियमों का उल्लंघन कर की गईं और इसमें बेनामी संपत्तियों के लेन-देन के जरिए आपराधिक साजिश रची गई। हालांकि, सभी आरोपियों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित मामला बताया है। इससे पहले अदालत ने 4 दिसंबर और 10 नवंबर को भी आरोप तय करने पर फैसला टाल दिया था। ट्रायल कोर्ट ने 25 अगस्त को इस मामले में आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उधर, लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई की एफआईआर को रद्द करने और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। वहीं राबड़ी देवी ने जज विशाल गोगने की अदालत से मामला किसी अन्य कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए प्रिंसिपल और डिस्ट्रिक्ट जज के समक्ष याचिका दायर की है, जो अभी लंबित है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने 7 अक्टूबर 2022 को इस मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जबकि 7 जून 2024 को अंतिम चार्जशीट दाखिल कर 78 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनमें रेलवे में नौकरी पाने वाले 38 उम्मीदवार भी शामिल हैं।




