मुंबई। कुर्ला में हुए दर्दनाक हादसे के मामले में मुंबई की एक अदालत ने इलेक्ट्रिक बस के ड्राइवर संजय मोरे की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। 9 दिसंबर को हुई इस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह हादसा देर रात एसजी बारवे रोड पर तब हुआ जब बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) की इलेक्ट्रिक बस कई वाहनों से टकरा गई और उसमें आग लग गई। ड्राइवर संजय मोरे ने अधिवक्ता समाधान सुलाने के माध्यम से दायर अपनी याचिका में दावा किया कि दुर्घटना बस में यांत्रिक खराबी के कारण हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि घटना से पहले उन्होंने बस में चिंगारी देखी थी, और उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है। अभियोजन पक्ष ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि वाहन में कोई तकनीकी खराबी नहीं पाई गई। उन्होंने तर्क दिया कि दुर्घटना ड्राइवर की लापरवाही का नतीजा थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी.एम. पठाडे ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मोरे की जमानत याचिका खारिज कर दी। हालांकि, इस फैसले का विस्तृत आदेश अभी जारी नहीं हुआ है। अदालत ने माना कि मामला गंभीर है, और आरोपित की जमानत पर रिहाई उचित नहीं होगी। हादसे के बाद संजय मोरे को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने घटना के सिलसिले में पहले ही 11 दिनों की हिरासत में पूछताछ की थी, जिसके बाद मोरे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस हादसे ने मुंबई में सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) और संबंधित अधिकारियों ने बसों की तकनीकी स्थिति और सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने का आश्वासन दिया है। इस बीच, पीड़ितों के परिवार और घायलों को न्याय की मांग है।