
मुंबई। राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के तहत खरीफ सीजन 2025-26 के लिए सोयाबीन, उड़द और मूंग की गारंटीशुदा मूल्य पर खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण 30 अक्टूबर से शुरू हुआ है। मंगलवार, 18 नवंबर तक कुल 2,20,316 किसानों ने पंजीकरण कराया है। बुधवार को मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए कि 12 फरवरी, 2026 तक चलने वाली खरीद प्रक्रिया के दौरान बारूद (गनपाउडर) की कोई कमी न रहे। बैठक में प्रमुख सचिव प्रवीण दराडे, विपणन महासंघ के प्रबंध निदेशक श्रीधर दुबे पाटिल, संयुक्त सचिव विजय लहाने, विपणन बोर्ड के कार्यकारी निदेशक संजय कदम सहित नैफेड और एनसीसीएफ के अधिकारी शामिल हुए। सरकार को कुल 725 खरीद केंद्रों के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 713 को राज्य सरकार और 579 को नैफेड/एनसीसीएफ ने मंजूरी दी है। इनमें से 484 केंद्रों पर खरीद शुरू हो चुकी है। पिछले सीजन के 562 केंद्रों की तुलना में इस बार केंद्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 18 नवंबर तक इन केंद्रों पर 528 किसानों से कुल 11,099 क्विंटल उपज की खरीद की गई है। इस वर्ष सोयाबीन के लिए 18.50 लाख मीट्रिक टन, मूंग के लिए 33,000 मीट्रिक टन और उड़द के लिए 3.25 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य तय किया गया है। केंद्र सरकार ने इस सीजन के लिए सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5,328 रुपये प्रति क्विंटल (436 रुपये की बढ़ोतरी), मूंग का 8,768 रुपये (86 रुपये अधिक) और उड़द का 7,800 रुपये प्रति क्विंटल (400 रुपये की बढ़ोतरी) घोषित किया है। खरीद प्रक्रिया को संचालित करने के लिए तीन नोडल संस्थानों- महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मुंबई), विदर्भ सहकारी विपणन संघ (नागपुर) और महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (पुणे) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्हें 15 नवंबर 2025 से 12 फरवरी 2026 तक 90 दिनों में खरीद पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। अनियमितताओं पर रोक के लिए एक सतर्कता दल भी बनाया गया है। विपणन मंत्री रावल ने आवश्यकतानुसार खरीद केंद्रों की संख्या और गोदाम सुविधाएँ बढ़ाने, साथ ही बारूद और अन्य संसाधनों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।




