
मुंबई। कांदिवली पुलिस ने जाली दस्तावेज़ों का उपयोग करके बैंक ऋण प्राप्त करने और लगभग 2.5 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने के आरोप में एस्प्लेनेड एजुकेशन सोसाइटी के दो ट्रस्टी, जयेश मजीठिया और कीर्ति वैरी, को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, दोनों ने पट्टे पर दी गई स्कूल की जमीन के फर्जी संपत्ति दस्तावेज़ जमा कर और ट्रस्ट के अध्यक्ष व सचिव के जाली हस्ताक्षर करके एक निजी बैंक से 4.5 करोड़ रुपए का ऋण लिया। इसमें से लगभग 2.5 करोड़ रुपए कथित तौर पर निजी इस्तेमाल के लिए निकाल लिए गए। यह मामला तब उजागर हुआ जब कांदिवली में अंजुमन-ए-नजमी दाऊदी ट्रस्ट के सचिव और व्यवसायी मुस्तफा गोम को अप्रैल 2025 में बैंक से ऋण चुकौती का नोटिस मिला। आगे की जाँच में सामने आया कि लगभग 30 साल पहले एस्प्लेनेड एजुकेशन सोसाइटी को पट्टे पर दिए गए स्कूल परिसर को अवैध रूप से गिरवी रखकर यह ऋण लिया गया था। गोम की शिकायत पर कांदिवली पुलिस ने मजीठिया और वैरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। दोनों ने डिंडोशी की विशेष सत्र अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, जो खारिज कर दी गई। इसके बाद उन्हें 1 सितंबर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस अब जाँच कर रही है कि फर्जी दस्तावेज़ कहाँ और कब तैयार किए गए, इस धोखाधड़ी में अन्य कौन लोग शामिल थे और गबन किए गए धन का उपयोग या निवेश कैसे किया गया।