Saturday, September 6, 2025
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हास्य और पर्यावरण संरक्षण समाज के लिए अनमोल योगदान: शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज

मुंबई। शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि समाज में हंसी बांटने का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है और जो हास्य कवि एवं कलाकार यह कार्य कर रहे हैं, वे विशेष प्रशंसा के पात्र हैं। वे बुधवार को हास्य कवि एवं पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. मुकेश गौतम की नवीनतम पुस्तक ‘हरित-अमृत’ की प्रथम प्रति भेंट किए जाने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा- हास्य के बिना जीवन अधूरा है। लाखों में कोई एक को ही ईश्वर यह वरदान देता है कि उसके मुख से हास्य वर्षा हो। जो व्यक्ति उनकी प्रस्तुति पर खुलकर हंस लेता है, वह अवसाद मुक्त हो जाता है। शंकराचार्य ने कहा कि वर्तमान समय में समाज को हास्य कवियों और कलाकारों की अत्यधिक आवश्यकता है। मुकेश गौतम के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे न केवल हास्य के माध्यम से लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। जिस प्रकार पौधे को पानी देने पर वह मुस्कुराने लगता है, उसी प्रकार मुकेश गौतम लोगों को हंसा भी रहे हैं और वृक्षारोपण करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं, उन्होंने कहा। शंकराचार्य ने ‘हरित-अमृत’ पुस्तक की प्रशंसा करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार सिंह, श्रीमती विमला गौतम और अनिरुद्ध पांडे भी उपस्थित रहे। शंकराचार्य ने सभी को आशीर्वाद देते हुए समाज के हित में निरंतर अच्छे कार्य करने की प्रेरणा दी।

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