
मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस, जो हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है, इस वर्ष अभी हमारे अधिकार, हमारा भविष्य थीम के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर मुंबई के राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश एनएच पाटिल मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में पद्मश्री शंकरबाबा पापलकर विकलांग अनाथ बच्चों के पुनर्वास पर, डॉ. वैशाली कोल्हे विकलांग अधिकारों पर, श्रीरंग बिजूर ऑटिज्म/एएसडी पर, और वेलेरियन पेस वरिष्ठ नागरिकों के मुद्दों पर मार्गदर्शन करेंगे। इसके अलावा, डॉ. वैशाली पाटिल आदिवासी कातकरी जनजाति के वरिष्ठ नागरिकों और संतोष चव्हाण कृषि लागत कम करने के विषय पर चर्चा करेंगे, जबकि संजय पाटिल जैव विविधता और सामुदायिक अधिकारों पर प्रकाश डालेंगे। कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग की २०२४ स्मारिका का विमोचन होगा। आयोजन स्थल पर विभिन्न जागरूकता स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें विकलांग और वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार, आदिवासी क्षेत्रों के मुद्दे, और ठभोजन ही औषधिठ जैसे विषय शामिल होंगे। साथ ही महात्मा गांधी की ११ शपथों पर आधारित सामाजिक संरचना को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा। आयोग ने २०२४ में कुल ७५०० मामलों में से ५७०० का निपटारा किया और १३४ मामलों में स्वत: संज्ञान लिया। जिला स्तर पर कार्यशालाओं और ऑनलाइन अदालती कार्यवाही जैसी पहल से नागरिकों को सुविधा दी गई है। कार्यक्रम में सामाजिक सरोकार से जुड़े विषयों पर भी चर्चा होगी, जैसे आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवाओं और यौन शोषण का सामना कर रही महिलाओं की समस्याएँ। विकलांग बच्चों को सहायक उपकरण प्रदान करने और कानून के छात्रों के लिए मानवाधिकार विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस आयोजन का उद्देश्य मानवाधिकारों की रक्षा और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाना है।