
नागपुर। राजनीतिक विज्ञान के विद्यार्थियों को कानून निर्माण की प्रक्रिया और संसदीय कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण देना लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम है। जानकारी, प्रशिक्षण और शोध- ये तीनों एक समृद्ध लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ हैं, ऐसा प्रतिपादन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया।शनिवार को विधान परिषद द्वारा पारित महत्वपूर्ण विधेयकों, प्रस्तावों और नीतियों पर आधारित वी.एस.पेज पार्लियामेंट्री ट्रेनिंग सेंटर द्वारा प्रकाशित संदर्भ-समृद्ध पुस्तक श्रृंखला के दूसरे खंड का विमोचन विधान परिषद सभागार में आयोजित कार्यक्रम में किया गया। इस अवसर पर विधान परिषद सभापति प्रो. राम शिंदे, विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल, उपसभापति डॉ. नीलम गोरहे सहित अनेक मंत्री और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। नितिन गडकरी ने कहा कि वे उसी सभागार में लौटकर भावुक हैं, जहां उन्होंने 18 वर्षों तक अनुभव अर्जित किया और चर्चा के माध्यम से समाधान निकालने की कला सीखी। उन्होंने कहा कि भले ही सदन में मुद्दों पर तीखी बहस होती रही हो, लेकिन व्यक्तिगत संबंधों में कटुता नहीं आई, यही भारतीय लोकतंत्र की समृद्ध परंपरा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सदन में होने वाली चर्चाओं से बने कानून जनता की भावना को प्रतिबिंबित करते हैं और समाज के हित में उपयोगी सिद्ध होते हैं। उन्होंने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि विधान परिषद ने हमेशा अनुभवी और दूरदर्शी सदस्यों के माध्यम से कानून निर्माण को दिशा दी है और सदन की कार्यवाही का रिकॉर्ड संजोना ऐतिहासिक रूप से अत्यंत आवश्यक है। विधान परिषद सभापति प्रो. राम शिंदे ने दो सदनों वाली व्यवस्था को त्रुटिरहित और प्रभावी कानून निर्माण के लिए अनिवार्य बताया। कार्यक्रम में पुस्तक संपादन में योगदान देने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया गया, जबकि आभार प्रदर्शन विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर ने किया।



