
भोपाल, मध्य प्रदेश। आईसीसी महिला विश्व कप फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर इतिहास रच दिया है। इस ऐतिहासिक जीत में मध्य प्रदेश की तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ की भूमिका निर्णायक रही। भारत की इस जीत पर पूरे देश में खुशी की लहर है, वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्रांति गौड़ को राज्य का गौरव बताते हुए 1 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “भारत की बेटियों ने असंभव से लगने वाले मैच को संभव कर दिखाया और विश्व कप की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। हमारी मध्य प्रदेश की बेटी क्रांति गौड़ ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। राज्य सरकार की ओर से उन्हें 1 करोड़ रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला खिलाड़ियों ने क्रिकेट के क्षेत्र में जो प्रदर्शन किया है, उसने पूरे देश को गर्वित किया है। उन्होंने कहा, “बेटियों के हर क्षेत्र में आगे बढ़ते देखना आनंद का अनुभव कराता है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, और खेल इसका प्रमुख उदाहरण हैं। क्रांति गौड़ ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 10 ओवर में मात्र 20 रन देकर 3 विकेट झटके, जबकि सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उनकी गेंदबाजी ने मैच का रुख बदल दिया। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने एक महत्वपूर्ण विकेट लेकर भारत को जीत की दिशा में मजबूती दी। भारत की इस जीत पर पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी महिला क्रिकेट टीम को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हमारी बेटियां चैंपियन हैं। उन्होंने दिल भी जीता है और दुनिया भी। यह जीत इस बात का प्रमाण है कि भारत की बेटियों की उड़ान आसमान से भी ऊंची है। क्रांति गौड़ मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के घुवारा गांव की रहने वाली हैं। वे एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता पुलिस विभाग में सिपाही हैं और मां नीलम गौड़ गृहिणी हैं। वर्ल्ड कप में उनके शानदार प्रदर्शन से उनके गांव और पूरे जिले में जश्न का माहौल है। भारत की जीत के बाद छतरपुर में लोगों ने आतिशबाजी की और खुशी में “दूसरी दीपावली” मनाई। यह जीत न सिर्फ भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय है, बल्कि देश की बेटियों के सपनों और संघर्ष का प्रतीक भी बन गई है।




