Friday, November 22, 2024
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इंडिया गठबंधन: तीसरी मीटिंग के बाद भी ‘लोगो’ का अनावरण नहीं, लेकिन 14 सदस्यीय समिति गठित

मुंबई। विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की बहु-प्रचारित मुंबई बैठक में सबसे बड़ा फैसला 14 सदस्यीय केंद्रीय समन्वय समिति की घोषणा है, जिसमें इसके 28 में से आधे सहयोगी दल शामिल हैं। हालांकि, 14 दलों में से सिर्फ 13 नेताओं का ही नाम अभी घोषित हुआ है, एक की घोषणा बाद में की जाएगी। लेकिन, इस बैठक में न तो गठबंधन का कोई मुखिया तय हो पाया है और न ही एक या उससे ज्यादा संयोजकों के नाम ही सामने आ पाए है। सबसे बड़ी बात ये कि गठबंधन के जिस ‘लोगो’ के अनावरण की बात कही गई थी, वह भी हवा में ही लटक गया है।
तीसरी बैठक में ‘लोगो’ जारी होने का हुआ था ऐलान पिछले सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने इंडिया गठबंधन की मुंबई बैठक के बारे में बताया था कि ‘यह बैठक देश को एक बड़ा संदेश देगा। 31 अगस्त को यहां इंडिया गठबंधन के लोगो का अनावरण भी होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
लेफ्ट की आपत्ति से नहीं जारी हुआ लोगो?
ऐसी जानकारी आ रही है कि मुंबई की बैठक में जारी किए जाने के लिए गठबंधन का जो लोगो तैयार किया गया था, उस पर लेफ्ट पार्टियों को आपत्ति थी, इसलिए इसे फिलहाल रोके रखने का फैसला किया गया है।
केंद्रीय समन्वय समिति में 14 दल शामिल
बहरहाल 14 दलों की केंद्रीय समन्वय समिति की घोषणा जरूर की गई है। इसमें कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, एनसीपी के शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, आरजेडी के तेजस्वी यादव, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, डीएमके के टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के जावेद खान, जेडीयू के ललन सिंह, जेएमएम से झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, सीपीआई के डी राजा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। सीपीएम की ओर से अपने सदस्य का नाम दिया जाना बाकी है। इंडिया गठबंधन के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे हैं। पटना की बैठक में गठबंधन में सिर्फ 15 पार्टियां शामिल हुई थीं, बेंगलुरू में उनकी संख्या 26 और मुंबई आकर 28 हो चुकी है। चर्चा थी की नीतीश कुमार संयोजक बनकर इसकी अगुवाई करने के लिए सबसे योग्य नेता हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी सामने आ चुका है। एक नहीं विभिन्न क्षेत्रीय संयोजकों की भी चर्चा हो चुकी है। लेकिन, तथ्य यह है कि तीसरी बैठक के बाद भी भाजपा-विरोध के लिए जमा हुईं ये पार्टियां किसी नाम पर सहमति नहीं बना सकी हैं।

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