
मुंबई। किसी शहर की समृद्धि धनवान लोगों या ऊंची इमारतों से नहीं, बल्कि वहां के संग्रहालयों से परखी जाती है। दुनिया के सभी बेहतरीन शहरों में उत्कृष्ट संग्रहालय मौजूद हैं। आज हम भी एक ऐसा ही संग्रहालय जनता के लिए खोल रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व और हर्ष का विषय है, यह बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा नवीनीकृत डॉ.भाऊ दाजी लाड संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस संग्रहालय का नवीनीकरण इसे नई पीढ़ी के लिए और अधिक आकर्षक एवं ज्ञानवर्धक बनाने के उद्देश्य से किया गया है। मुख्यमंत्री ने संग्रहालयों को शहर और देश की संस्कृति और इतिहास का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “संग्रहालयों के माध्यम से किसी देश की संस्कृति, लोक जीवन और ऐतिहासिक विरासत को समझा जा सकता है। हमारी ऐतिहासिक विरासत को सहेजकर रखना बेहद जरूरी है ताकि भावी पीढ़ियां हमारे इतिहास और विकास को समझ सकें। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां सबसे प्राचीन और जीवंत संस्कृति मौजूद है। इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।
डॉ. भाऊ दाजी लाड को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने संग्रहालय के नामकरण के पीछे के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ. भाऊ दाजी लाड एक प्रसिद्ध चिकित्सक होने के साथ-साथ समाजसेवी और ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने वाले महान व्यक्ति थे। “उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा समाज और संस्कृति को सहेजने में समर्पित किया। संग्रहालय में प्रदर्शित कई दुर्लभ वस्तुएं और छायाचित्र उनके प्रयासों का परिणाम हैं। उनके सम्मान में 50 साल पहले इस संग्रहालय को उनका नाम दिया गया, और आज इसे नवीनीकृत रूप में जनता के लिए खोलना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। नवीनीकृत संग्रहालय में कई दुर्लभ वस्तुएं, ऐतिहासिक छायाचित्र और अन्य सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह संग्रहालय न केवल मुंबईवासियों, बल्कि देश और दुनिया के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
कार्यक्रम में शामिल गणमान्य
इस अवसर पर कौशल विकास, रोजगार एवं उद्यमिता मंत्री मंगलप्रभात लोढा, सांसद मिलिंद देवरा, विधायक राजहंस सिंह, बृहन्मुंबई महानगरपालिका के प्रशासक एवं आयुक्त भूषण गगराणी, अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी जोशी, और संग्रहालय की प्रमुख तस्मीन मेहता सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। इस संग्रहालय का नवीनीकरण भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम है। संग्रहालय में मौजूद प्रदर्शन सामग्री लोगों को न केवल शिक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और इतिहास से गहराई से जुड़ने का अवसर भी देगी।