मुंबई। महाराष्ट्र राज्य कला संचालनालय द्वारा आयोजित 64वीं महाराष्ट्र राज्य कला प्रदर्शनी का उद्घाटन राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन की उपस्थिति में जहांगीर आर्ट गैलरी में हुआ। इस अवसर पर वरिष्ठ चित्रकार लक्ष्मण श्रेष्ठ को ‘वासुदेव गायतोंडे कला जीवन गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया, जिसमें 5 लाख रुपये, शॉल, श्रीफल और मानपत्र शामिल हैं। इसके अलावा, वरिष्ठ कलाकार शकुंतला कुलकर्णी को भी सम्मानित किया गया। राज्यपाल का संबोधन राज्यपाल ने अपने संबोधन में कला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कला अन्य सभी विषयों को समृद्ध बनाती है। उन्होंने चिकित्सा, अभियांत्रिकी और अन्य व्यावसायिक शिक्षा के साथ कला को जोड़ने की वकालत की। उन्होंने नई शिक्षा नीति (NEP) का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्रों को अब अपने पसंदीदा विषयों को चुनने की स्वतंत्रता है, जिसमें कला भी शामिल है। महाराष्ट्र की कला परंपरा और भविष्य की योजनाएँ राज्यपाल ने महाराष्ट्र की समृद्ध कला परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में चित्रकला, स्थापत्य कला और वास्तुकला की अत्यंत समृद्ध विरासत है। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के युग से जुड़े किलों, भित्तिचित्रों और शिल्प कला को महाराष्ट्र की पहचान बताया। उन्होंने कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक कला प्रदर्शनियों के आयोजन की आवश्यकता बताई और कलाकारों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि में वृद्धि का सुझाव दिया। मुंबई में भव्य कला केंद्र की स्थापना की आवश्यकता राज्यपाल ने मुंबई में एक भव्य और बहुमंजिला कला केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता जताई, ताकि एक ही स्थान पर कई कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि मुंबई में कला प्रदर्शनियों के लिए पर्याप्त गैलरी उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए एक विशाल और सुव्यवस्थित कला प्रदर्शनी केंद्र की स्थापना की जानी चाहिए। कला प्रदर्शनी में चयनित कलाकृतियाँ और पुरस्कार वितरण कला संचालनालय के निदेशक डॉ. संतोष क्षीरसागर ने बताया कि इस वर्ष प्रदर्शनी के लिए राज्यभर से 775 कलाकृतियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें से 148 कलाकारों की 180 कलाकृतियों का चयन किया गया। वरिष्ठ कलाकार शकुंतला कुलकर्णी की ओर से उनकी बहन चित्रा पालेकर ने पुरस्कार स्वीकार किया। राज्यपाल ने रेखा एवं रंगकला, शिल्पकला, उपयोगी कला, मुद्राचित्रण और दिव्यांग कलाकार वर्ग से जुड़े 15 कलाकारों को पुरस्कार प्रदान किए। कार्यक्रम में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव बी. वेणुगोपाल रेड्डी, सर जे.जे.कला अभिमत विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. रजनीश कामत, प्रदर्शन अधिकारी संदीप डोंगरे सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। राज्यपाल ने सुलेखनकार अच्युत पालव को पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने पर विशेष रूप से सम्मानित किया। इसके अलावा, कला प्रदर्शनी की स्मरणिका का भी विमोचन किया गया।