कोच्चि। केरल की कलामासेरी में जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एग्जिबिशन सेंटर में 29 अक्टूबर की सुबह जबरदस्त बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों को लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। माना जा रहा है कि इन बम धमाकों के पीछे एक व्यक्ति ने सरेंडर कर खुद को जिम्मेदार बताया है। त्रिशूल जिले के कोड कर पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति ने दावा किया है की कन्वेंशन सेंटर में बम उसने ही लगाया था। सरेंडर करने के बाद पुलिस ने व्यक्ति से पूछताछ शुरू कर दी है। हालांकि अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उसे व्यक्ति का ब्लास्ट से कोई लेना देना है या नहीं। वही ब्लास्ट की घटना के बाद पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। केरल के सभी जिलों में पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है ताकि अफवाहों पर रोक लगाई जा सके। पुलिस का कहना है कि गलत सूचना फैलाने वालों सांप्रदायिक और संवेदनशील पोस्ट डालने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। बता दे कि केरल में सभी पुलिसकर्मियों को अलर्ट मैसेज भेजा गया है जिसके तहत रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास पुलिस को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं। अबतक ये पता नहीं चल पाया है कि धमाके कैसे हुए। जांच में ड्यूटी पुलिस ने बीते तीन दिनों के सीसीटीवी फुटेज निकले हैं जिनकी गहनता के साथ जांच की जाएगी। इस घटना के बाद एनआईए केरल पुलिस तंबाकू की जांच में जुटी हुई है इसके साथ ही एनर्जी की टीम भी दिल्ली से रवाना होकर केरल पहुंचने वाली है।
चश्मदीदों ने बताया दर्द
केरल के कलामासेरी में ईसाइयों की प्रार्थना सभा में धमाके के बाद मची अफरातफरी के बीच प्रत्यक्षदर्शियों ने उस भयानक मंजर को बयां किया, जिससे स्थानीय प्रार्थना सभा स्थल पर सदमा और शोक की लहर दौड़ गयी। प्रार्थना केंद्र के बाहर सैकड़ों लोग जमा थे और चेहरों पर चिंता के भाव और आंखों में आंसू थे, जबकि अंदर छाई निराशा और रहस्य के बीच, पुलिस अधिकारी और दमकलकर्मी घायलों की तलाश कर रहे थे। एक बुजुर्ग महिला ने अपने स्तब्ध करने वाले अनुभव को याद करते हुए कहा, ‘‘जब मैंने पहले धमाके के बाद आंखे खोली तो सामने केवल आग का गोला देखा। और कुछ नहीं… और कुछ नहीं…केवल आग का गोला देखा। सभी लोग इधर-उधर भाग रहे थे।’’ ईसाई प्रार्थना केंद्र में रविवार सुबह हुए धमाके में एक महिला की मौत हो गई, जबकि 36 लोग घायल हैं। सभागार में प्रार्थना के लिए एकत्रित होने वालों में महिलाएं एवंबुजुर्ग लोग भी थे।