
गढ़चिरौली। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सलवाद पर नियंत्रण और विश्वास बहाली के प्रयासों के बीच गुरुवार को एटापल्ली तालुका के वंगेतुरी पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नागरिकों ने स्वेच्छा से 26 भरी हुई बंदूकें और 11 बंदूक की नालें पुलिस के हवाले कीं। यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल की अपील के बाद हुई है। गढ़चिरौली का बड़ा वन क्षेत्र पारंपरिक रूप से शिकार और खेती पर निर्भर समुदायों का मुख्य निवास रहा है। जंगली जानवरों से सुरक्षा के कारण स्थानीय लोग बुजुर्गों से विरासत में मिली बंदूकें अपने पास रखते आए हैं। हालांकि पुलिस के अनुसार, माओवादी इस परिस्थिति का लाभ उठाकर ग्रामीणों को अपने संगठन से जोड़ने की कोशिश करते रहे हैं। पुलिस की जानकारी के अनुसार, पिछले पाँच वर्षों में जिले से किसी भी युवा ने माओवादी आंदोलन में शामिल नहीं हुआ है। सुरक्षा व्यवस्था में हुए सुधार और ग्रामीणों में पुलिस पर बढ़ते भरोसे को इस सकारात्मक बदलाव का प्रमुख कारण माना जा रहा है। 2022 से अब तक नागरिकों द्वारा कुल 365 भरी हुई बंदूकें पुलिस को आत्मसमर्पित की जा चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति गढ़चिरौली को माओवादमुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान को पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान) एम. रमेश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रणहिता) सत्य साईं कार्तिक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) गोकुलराज जी. और उप-विभागीय पुलिस अधिकारी योगेश रंजनकर के मार्गदर्शन में चलाया गया। अभियान में सपोनी दिलीप खड़तारे, सादुलवार, काले और सीआरपीएफ के अधिकारी शामिल रहे।




