
पुणे। आगामी आषाढ़ी वारी 2025 को लेकर पुणे विधान भवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पालखी सोहळ्यात (पालकी समारोह) भाग लेने वाले वारकऱ्यांना (वारकरी भक्तों) किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा है, जिसे संपूर्ण योजनाबद्धता और समर्पण के साथ संपन्न किया जाना चाहिए। बैठक में पिंपरी-चिंचवड़, पुणे, सोलापुर, सातारा सहित सभी संबंधित जिलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अजित पवार ने पालकी मार्ग पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, बारिश से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने और संवेदनशील क्षेत्रों विशेषकर दिवेघाट व घाट क्षेत्रों में सुरक्षा, मार्गदर्शन और बैरिकेडिंग की व्यवस्था को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने इंदापुर-पंढरपुर पालकी मार्ग के कामों को वारी से पहले पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़क किनारे मेट्रो कार्य की सामग्री हटाई जाए। उन्होंने बिजली विभाग (महावितरण) को आवश्यकतानुसार मार्ग में कर्मचारियों की तैनाती और ट्रांसफॉर्मर तथा वायरिंग के निरीक्षण का निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री ने जोर दिया कि जहां-जहां पालकी ठहरती है, उन स्थानों पर सफाई की व्यवस्था रहे, जनरेटर की व्यवस्था की जाए और इन स्थानों के लिए आवश्यक होने पर जिला नियोजन समिति से निधि भी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने वारी के दौरान अवैध होर्डिंग हटाने और अधिकृत होर्डिंग के स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी जिला परिषदों और नगरपालिकाओं से अपील की कि वारी के तुरंत बाद पूर्ण सफाई की जाए और बारिश को देखते हुए सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, अजित पवार ने कहा कि कोविड की पृष्ठभूमि में, खांसी, सर्दी और बुखार के लक्षण वाले वारकऱ्यां की जांच और प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए प्रत्येक महत्वपूर्ण बिंदु पर मेडिकल टीमें मौजूद रहें। उन्होंने महिला एवं बाल कल्याण विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, और एनजीओ के साथ समन्वय बनाकर महिला वारकरियों के लिए विश्राम और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया। बैठक में एक तकनीकी पहल के रूप में पुणे पुलिस द्वारा “पीटीपी ट्रैफिक कॉप” नामक मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया गया, जिससे वारी के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन को डिजिटल रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, पालखी की लाइव लोकेशन ट्रैक करने हेतु “पालखी ट्रैकिंग ऐप” और वारकऱ्यां की संख्या का डेटा संकलित करने हेतु “प्रोजेक्ट वारी” डिजिटल पहल भी शुरू की गई है, जो भविष्य में सुविधाओं की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगी। इस व्यापक समीक्षा बैठक में विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे, कोल्हापुर रेंज के विशेष पुलिस महानिरीक्षक सुनील फुलारी, पुणे, सातारा और सोलापुर के जिलाधिकारी, पीएमआरडीए आयुक्त, जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, और पालकी सोहळा संबंधित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि यह राज्य की एक पवित्र और गौरवशाली परंपरा है, और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।