Monday, December 23, 2024
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भ्रष्ट उपायुक्त विश्वास शंकरवार की शह पर भूमाफिया नरसिंह पुत्तावल्लू का अवैध निर्माण जोरों पर

पी/ नॉर्थ के डीओ राजन प्रभु और वार्ड ऑफिसर किरण दिघावकर भूमाफिया पर कार्रवाई करने मे असमर्थ

मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) एशिया की सबसे बड़ी महानगर पालिका मानी जाती है। किंतु वर्तमान में उसके अधिकारी और कर्मचारी ही ऊपरी कमाई के चक्कर में बीएमसी की शाख में बट्टा लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार मुंबई मनपा के सभी वार्डों में अवैध निर्माणों के भ्रष्टाचार का खेल जारी है। जिसमें अधिकारी और ठेकेदार मिलकर मलाई खा रहे हैं। लेकिन मालाड (पश्चिम) मनपा का पी/ नॉर्थ, वार्ड इससे दो कदम और आगे निकल चुका है। यहां न केवल अभियंता बल्कि मुकादम भी डीओ और वार्ड ऑफिसर के लिए अवैध निर्माण को बचाने के लिए बिचौलिए का काम करता है। इसी तरह का मामला वार्ड क्रमांक-३२ के अंतर्गत आने वाले चिकुवाड़ी का है। यहां के गली नंबर -२, मालवणी चर्च, मालाड (पश्चिम) मुंबई ४०००९५ स्थित खाली भूखंड पर अधिकारियों से मिलीभगत कर भूमाफिया नरसिंह पुत्तावल्लू ने १२ व्यापारिक गाले और मकान की चॉल बना डाली है। स्थानीय नागरिक बताते हैं कि उपायुक्त विश्वास शंकरवार की इसी भ्रष्ट और रिश्वतखोर वाली छवि के कारण ही पी/ नॉर्थ वार्ड में अवैध निर्माणों का ग्राफ लगातार बड़ी ही तेजी से बढ़ रहा है। जानकारी के बाद भी उपायुक्त विश्वास शंकरवार की तरफ से उक्त अवैध निर्माण पर कारवाई का न होना इनके भ्रष्टाचार की बड़ी वजह मानी जा रही है। हालांकि भूमाफिया नरसिंह पुत्तावल्लु द्वारा बिना किसी खौफ के धड़ल्ले से किए जा रहे अवैध निर्माण के मामले में डीओ, राजन प्रभु और सहाय्यक आयुक्त किरण दिघावकर की तरफ से बरती जा रही लापरवाही या सेटिंग उक्त अवैध निर्माणों के लिए अभयदान साबित हो रही है। वहीं इमारत व कारखाना विभाग में कार्यरत मुकादम विट्ठल राठौड़ की मानें तो मनपा का पी/नॉर्थ, वार्ड भूमाफिया नरसिंह पुत्तावल्लू की गुलामी करने में व्यस्त नजर आ रहा है तथा उसके अवैध निर्माणों को संरक्षण देने में सक्षम अधिकारियों ने पूरी सहमति जताई है। स्थानीय नागरिकों की मानें तो सहाय्यक अभियंता अनिल पुणतांबेकर की कार्यप्रणाली भी सिर्फ अवैध निर्माणों से मिलने वाली काली कमाई की हिस्सेदारी पर ही निर्भर है ना कि अवैध निर्माणों के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने में है ! यदि लोकसेवक होने के नाते जान बूझकर कानून के किसी भी निर्देश की अवज्ञा करता है तो वह लोकसेवक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) १८६० की धारा २१७ एवं २१८ के अनुसार अपराधी होता है। मनपा के पी/नॉर्थ, वार्ड से विगत वर्षों में अवैध निर्माणों से कितनी काली कमाई किया होगा, इसका अनुमान लगाया जाना यदि असंभव नही तो दुष्कर अवश्य है। क्या बृहन्मुंबई महानगर पालिका में एक भी जिम्मेदार व ईमानदार अधिकारी नही है, जो भ्रष्ट एवं रिश्वतखोर अधिकारियों के भ्रष्टाचार की जांच कराकर दंडित करने की कार्रवाई करा सके?

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