
नई दिल्ली। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में इस वर्ष महाराष्ट्र ने ‘भागीदार राज्य’ के रूप में विशेष उपस्थिति दर्ज कराई है। इस विशेष दर्जे के कारण महाराष्ट्र का मंडप पूरे मेले का मुख्य आकर्षण बना हुआ है। महाराष्ट्र सदन के आवासीय आयुक्त (निवेश) सुशील गायकवाड़ ने मंडप का अवलोकन करते हुए कहा कि महाराष्ट्र का यह प्रदर्शन राज्य की ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक औद्योगिक शक्ति को उजागर करता है और यह पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय है। मेले में स्थापित यह मंडप महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा, ऐतिहासिक धरोहर, आधुनिक उद्योगों की उपलब्धियों, ग्रामीण महिला उद्यमिता, पारंपरिक हस्तशिल्प और नए स्टार्ट-अप विचारों का सम्मिश्रण प्रस्तुत करता है। महाराष्ट्र के समग्र विकास और विविध पहचान को दर्शाने वाला यह मंडप दर्शकों को खूब आकर्षित कर रहा है। गायकवाड़ ने भ्रमण के दौरान मंडप के विभिन्न विभागों, जिलों और थीम-आधारित स्टॉलों का विस्तार से निरीक्षण किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार पारंपरिक खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी की विशेष सराहना की। साथ ही राज्य की भाषाई धरोहर को प्रदर्शित करने वाली ‘मराठी भाषा दलाना’ की अनूठी प्रस्तुति को भी उन्होंने उत्कृष्ट बताया। उन्होंने पैठणी साड़ी बुनकरों, कोल्हापुरी चप्पल कारीगरों, चमड़े के उत्पाद निर्माताओं, हस्त चित्रकारी कलाकारों और जैविक उत्पाद उद्यमियों से बातचीत की। गायकवाड़ ने कहा कि राज्य सरकार की कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों के कारण उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला और उत्पाद प्रस्तुत करने का अवसर मिला है, जो अत्यंत सराहनीय है। गायकवाड़ के दौरे के दौरान सहायक आवासीय आयुक्त नितिन शेंडे भी उपस्थित रहे। महाराष्ट्र लघु उद्योग विकास निगम की ओर से सुशील गायकवाड़ का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। उन्हें मंडप की स्थापना की अवधारणा, उद्देश्य, सहभागी विभागों और संपूर्ण प्रस्तुति की संरचना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। महाराष्ट्र मंडप इस वर्ष के आईआईटीएफ में राज्य की प्रगति, परंपरा और रचनात्मकता का जीवंत प्रतीक बनकर उभरा है।




