
मुंबई। महाराष्ट्र में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने बिना डॉक्टर के वैध पर्चे के कफ सिरप और अन्य वर्गीकृत दवाइयों की बिक्री पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत राज्यभर में मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया गया, जिसमें 88 विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से दवाइयाँ बेचने से रोकने का आदेश जारी किया गया और 107 विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राज्य औषध नियंत्रक दा. रा.गहाने ने मंगलवार को परिपत्र जारी करते हुए औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन नियम, 1945 के तहत कहा कि अनुसूची-एच1 और अनुसूची-एक्स श्रेणी की दवाइयाँ केवल वैध डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध कराई जा सकती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इस नियम का उल्लंघन करने वाले मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। एफडीए ने इस अभियान के पीछे स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। श्री गहाने ने कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के सिरप और अन्य दवाओं का सेवन स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकता है। विशेष रूप से बच्चों को बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा देना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस नियम का पालन करें और अपनी सुरक्षा के लिए डॉक्टर की सलाह लें। इस निरीक्षण अभियान में राज्य के विभिन्न जिलों में दवा विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों की तलाशी ली गई और नियम उल्लंघन के कई मामले सामने आए। एफडीए ने पाया कि कई मेडिकल स्टोर्स बिना पर्चे के कफ सिरप, दर्द निवारक और अन्य वर्गीकृत दवाओं की बिक्री कर रहे थे, जो नियमों के खिलाफ है। एफडीए ने यह भी कहा कि इस तरह के अभियान लगातार जारी रहेंगे और भविष्य में भी बिना पर्चे वाली दवा बिक्री को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।