
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह इंडिया बनाम भारत कोई बहस नहीं है क्योंकि दोनों एक ही हैं और इंदिरा गांधी ने ‘भारत के प्रधान मंत्री’ के रूप में शपथ ली थीं, इंडिया के प्रधान मंत्री के रूप में नहीं। विपक्षी गठबंधन द्वारा अपने नाम के रूप में इंडिया चुनने के बाद हिमंत बिस्वा सरमा अपने ट्विटर बायो को भारत में बदल लिया था। वह ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले अमित शाह ने संसद में भारतीय न्याय संहिता रखी। तब किसी ने विरोध नहीं किया। भारत और इंडिया विनिमेय हैं और यह 2016 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने बयान में कहा कि इंडिया और भारत कोई बहस का मुद्दा नहीं है…इंडिया और भारत एक दूसरे के पूरक हैं, यही सुप्रीम कोर्ट का 2016 का फैसला है। उन्होंने कहा कि चाहे मनमोहन सिंह हों या इंदिरा गांधी सभी ने ‘मैं भारत का प्रधानमंत्री’ के रूप में शपथ ली, इंडिया के प्रधानमंत्री’ के रूप में नहीं जबकि देवेगौड़ा ने इंडिया के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली… तो यह कोई बहस नहीं है। हिमंता ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जगह रिजर्व बैंक ऑफ भारत करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कियह नवजागरण का दौर है। सरमा ने कहा, असम ने कई पुरानी विरासतें बदली हैं और केंद्र में भी कई बदलाव किए गए हैं।
कांग्रेस का वार
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज कहा कि हमने समान विचार वाले लोगों को एक साथ लाकर एक संगठन बनाया जिसका नाम इंडिया रखा गया। वह इंडिया को देखकर घबरा रहे हैं और वे अब इंडिया का नाम भारत रखने जा रहे हैं। संविधान में ‘इंडिया दैट इज भारत’ है। हम पहले ही ‘भारत जोड़ो’ बोल रहे हैं लेकिन आप रोज़ कुछ नया ला रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे संविधान में दोनों नाम दर्ज़ हैं… हम कहां-कहां से ‘इंडिया’ शब्द हटाएंगे? एसबीआई, आईआईटी, इसरो इन सबके नाम बदलने होंगे। अगर आपको इस बात से दिक्कत है कि विपक्ष की पार्टियों ने अपना नाम इंडिया रखा है और आप इसलिए देश का नाम बदल रहे हैं, तो हम अपना (पार्टी) का नाम बदल लेंगे। हम मुल्क को मुसीबत, तकलीफ में नहीं डालना चाहते। अगर हमें थोड़ा सा भी इशारा भी मिलता है तो हम यह करेंगे।