
पुणे। बंबई उच्च न्यायालय ने पुणे के खड़की स्थित गोला बारूद फैक्टरी के आसपास आवासीय भवनों की मौजूदगी को लेकर बुधवार को अपनी नाखुशी प्रकट की और इसे अनियमित नगर नियोजन करार देते हुए कहा कि इस तरह से मानव जीवन को खतरे में नहीं डाला जा सकता। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में फैक्टरी के आसपास रह रहे लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। पीठ ने सरकार और स्थानीय निकायों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे इस समस्या का हल करने में नाकाम रहें तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीठ ने रक्षा मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार, पुणे एवं पिंपरी चिंचवड़ नगर निगमों के आयुक्तों और पुणे जिलाधिकारी को एक बैठक बुलाने तथा इस मुद्दे पर एक व्यवहार्य समाधान के साथ आने को कहा। अदालत पुणे के दो निवासियों द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें निषिद्ध क्षेत्र में आवासीय भवन बनाये जाने को लेकर चिंता प्रकट की गई है। याचिका में, अधिकारियों को इलाके में कोई निर्माण कार्य करने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने इस तरह के अनियमित नगर नियोजन की अनुमति देने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल देवांग व्यास ने अदालत को बताया कि एक बैठक की जाएगी और इसमें समस्या समाधान निकाला जाएगा। अदालत ने विषय की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर के लिए निर्धारित कर दी।