
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक तलाकशुदा महिला को नाबालिग बेटी के साथ अमेरिका में बसने की इजाजत दे दी है। हालांकि हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं, जिनके तहत महिला को, बच्ची को उसके पिता से भी समय-समय पर मिलवाना होगा। कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहती है तो वह पुणे में सह-स्वामित्व वाले फ्लैट से अपना 50 फीसदी हिस्सा खो देगी।
मध्यस्थता के बाद हाईकोर्ट ने दी सहमति
इस पर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को इस मुद्दे पर बातचीत कर मध्यस्थता करने का निर्देश दिया। इसके बाद दंपति ने हाईकोर्ट में समझौते की सहमति दे दी। जिसके बाद अदालत ने महिला को बेटी के साथ अमेरिका में बसने की अनुमति दे दी। हालांकि ये शर्त भी लगाई कि वह वर्चुअल तरीके से समय-समय पर बेटी को उसके पिता से भी मिलवाएगी और मौके पर भौतिक तरीके से भी मुलाकात की अनुमति देगी। इस पर महिला ने सहमति दे दी। हालांकि कोर्ट में पति ने आशंका जताई कि हो सकता है कि उसकी पत्नी अदालत के आदेश की अवमानना करे क्योंकि वह भारतीय कानून के क्षेत्र से बाहर विदेश में होगी। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर अदालत को पता चला कि महिला ने जानबूझकर आदेश की अवमानना की तो पुणे में उसके सह-स्वामित्व वाले फ्लैट को बच्ची के पिता को पूर्ण रूप से दे दिया जाएगा।
क्या है मामला:- दंपति का साल 2020 में आपसी सहमति से तलाक हुआ था, लेकिन बेटी की कस्टडी को लेकर विवाद हो गया। पुणे के एक पारिवारिक न्यायालय ने मां को बच्ची की कस्टडी देने का आदेश दिया लेकिन पिता को भी समय-समय पर बेटी से मिलने की अनुमति दे दी थी। बीते तीन सालों के दौरान दोनों पक्षों ने कोर्ट में कई आवेदन दिए। इनमें से एक अदालत के आदेश की अवमानना का भी आवेदन था। पति ने आरोप लगाया कि उसे बच्ची से मिलने नहीं दिया जा रहा। बीते दिनों महिला ने हाईकोर्ट में आवेदन देकर नाबालिग बेटी के साथ अमेरिका में बसने की अनुमति मांगी थी।