
मुंबई। महाराष्ट्र में गुटखा और पान मसाला जैसे कैंसरकारी उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद इनकी बिक्री जारी रहने पर राज्य सरकार ने गंभीर चिंता जताई है। खाद्य और औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल ने गुरुवार को विधान परिषद में बताया कि अन्य राज्यों से गुटखा महाराष्ट्र में अवैध रूप से लाया जा रहा है और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इस संबंध में कानून और न्याय विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा और मार्गदर्शन मांगा जाएगा। यह बयान तब आया जब सदस्य श्रीकांत भारतीय ने गुटखा प्रतिबंध की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया और राज्य में इसके धड़ल्ले से बिकने की ओर ध्यान दिलाया। इस दौरान विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और सदस्य प्रवीण दरेकर ने भी उप-प्रश्न उठाए। मंत्री जिरवाल ने स्वीकार किया कि गुटखा प्रतिबंध का मौजूदा कानून केवल एक वर्ष के लिए अधिसूचित होता है और यह परंपरा 2012 से चली आ रही है, लेकिन अब इसे स्थायी और अधिक कठोर बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों और मुंबई के कुछ हिस्सों- जैसे दहिसर, मुलुंड और मलाड में गुटखा की अवैध बिक्री चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। इन क्षेत्रों में निरीक्षण के लिए विशेष जांच अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिरवाल ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभाग में मानव संसाधन की कमी भी एक बड़ी बाधा रही है, जिससे निगरानी और छापेमारी प्रभावित हो रही है। हालांकि अब नए अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है, जिससे आने वाले समय में गुटखा प्रतिबंध योजना को और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।