
मुंबई। भारत में जापान के राजदूत किइची ओनो ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से मुंबई स्थित राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक और शैक्षणिक सहयोग को सुदृढ़ करने पर विशेष चर्चा हुई। वार्ता के दौरान पर्यटन, वस्त्र उद्योग, कृषि, खेल, शिक्षा और कौशल विकास जैसे विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और सशक्त बनाने पर सहमति बनी। राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि भारत के लोग जापान की अनुशासित जीवनशैली से प्रभावित हैं, और बौद्ध धर्म की साझा विरासत दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत आधार प्रदान करती है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि जापान को महाराष्ट्र में विशेषकर वॉलीबॉल और टेबल टेनिस जैसे खेलों के साथ-साथ मशरूम उत्पादन जैसे कृषि विज्ञान के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहिए। वस्त्र उद्योग में सहयोग की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए राज्यपाल ने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में एक विक्रेता-क्रेता सम्मेलन आयोजित किया जाए, जिससे राज्य के किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि रत्न एवं आभूषण और हीरा व्यापार के क्षेत्र में भारत के उत्पाद जापान में लोकप्रिय हो सकते हैं। राज्यपाल ने जापान में भारतीय छात्रों की सीमित उपस्थिति को भाषाई बाधा का परिणाम बताया और सुझाव दिया कि मुंबई सहित राज्य के विश्वविद्यालयों में जापानी भाषा की शिक्षा प्रारंभ की जाए, जिससे शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिले। जवाब में, राजदूत किइची ओनो ने कहा कि भारत और जापान के बीच पारंपरिक संबंध अत्यंत घनिष्ठ हैं, परंतु भारत के युवा जापानी विश्वविद्यालयों के बारे में अभी भी पर्याप्त जानकारी नहीं रखते। उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल केवल 1600 भारतीय छात्र जापान में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, और इस संख्या में वृद्धि के लिए जापानी भाषा शिक्षण जैसे प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों में जापानी भाषा कक्षाएं शुरू करने के राज्यपाल के प्रस्ताव का स्वागत किया और इसमें हरसंभव सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई। राजदूत ओनो ने यह भी जानकारी दी कि भारत-जापान शैक्षिक सहयोग को गति देने के लिए इस वर्ष हैदराबाद में एक विश्वविद्यालय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म और एनीमेशन के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में भी पहल की बात कही। उन्होंने कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी और जन-से-जन संपर्क को द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्र बताते हुए इन सभी विषयों में साझेदारी को विस्तार देने की जापान की रुचि व्यक्त की। इस अवसर पर मुंबई में जापानी महावाणिज्य दूत यागी कोजी, भारत में जापानी दूतावास के प्रथम सचिव कावाकामी मासाहिरो, द्वितीय सचिव हसेगावा नोरीफुमी, और उप-वाणिज्य दूत निशियो रियो सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।