Saturday, December 13, 2025
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आतंकवाद पीड़ित परिवारों को न्याय, नौकरी और सम्मान देना सरकार की प्राथमिकता: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को आतंकवाद पीड़ित परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि प्रशासन हर प्रभावित परिवार को न्याय, नौकरी और सम्मान दिलाने के लिए संकल्पबद्ध है। श्रीनगर के लोक भवन ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में उपराज्यपाल ने कश्मीर डिवीजन के आतंकवाद पीड़ित 39 परिवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन हर पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है और हर संभव सहायता प्रदान करता रहेगा। सिन्हा ने बताया कि आतंकवाद पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरी देने की पहल करीब 13 महीने पहले शुरू की गई थी, जब कुछ पीड़ित परिवार उनसे मिले और अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि इन कहानियों ने प्रशासन को पुनर्वास के लिए सही मामलों की पहचान कर सरकारी नौकरी देने का निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। उपराज्यपाल ने बताया कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र में 41 परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं, जबकि हाल ही में नौगाम ब्लास्ट से प्रभावित नौ परिवारों को भी शुक्रवार को नौकरी के पत्र सौंपे गए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अब तक 200 से अधिक पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। पीड़ितों से हुई मुलाकातों को याद करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि कई परिवारों को दशकों तक चुपचाप संघर्ष करना पड़ा, किसी ने माता-पिता खोए तो किसी की मां को बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए भीख तक मांगनी पड़ी, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। उन्होंने कहा कि अब प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित करने का फैसला किया है कि आतंकवाद के दौरान छीनी गई पीड़ितों की संपत्तियां उनके वास्तविक मालिकों को लौटाई जाएं और जिन मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं हुई, उनकी भी जांच कर न्याय दिलाया जाएगा। सिन्हा ने कहा कि वर्षों तक असली पीड़ितों को नजरअंदाज किया गया, जबकि आतंक के इकोसिस्टम से जुड़े लोग इसका लाभ उठाते रहे, लेकिन अब इस अन्याय को जारी नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का महिमामंडन करने वालों और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उपराज्यपाल ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में आतंकवाद से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कई सरकारी कर्मचारियों को सेवा से हटाया गया है और संस्थानों को आतंकी प्रभाव से मुक्त करने का अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि झूठ फैलाने और आतंकवाद में मदद करने वाले हर व्यक्ति की पहचान कर उसे सजा दी जाएगी। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी, कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर अंशुल गर्ग और पीड़ित परिवारों के सदस्य मौजूद रहे। उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार सहानुभूति से आगे बढ़कर ठोस कार्रवाई कर रही है और यह केवल सहायता नहीं, बल्कि आतंकवाद पीड़ितों के बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि है।

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