
मुंबई। राज्य सरकार ने श्रमिकों, किसानों और छात्रों के हित में एक साथ कई मोर्चों पर निर्णायक फैसले लेने का दावा करते हुए कहा है कि श्रम, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में नीति, कानून और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे द्वारा नियम 260 के अंतर्गत उठाए गए प्रस्ताव पर जवाब देते हुए श्रम मंत्री आकाश फुंडकर, कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने मंगलवार को सरकार की तरफ़ से विस्तार से स्थिति स्पष्ट की।
श्रम क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव
श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने कहा कि निर्माण श्रमिकों के लिए 32 कल्याणकारी योजनाएं लागू हैं, जिनमें से 22 योजनाओं का लाभ सीधा डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दिया जा रहा है। फर्जी श्रमिक पंजीकरण को रोकने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया गया है और 90-दिवसीय ठेकेदार प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है।
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स (जैसे जोमैटो, स्विगी आदि) के लिए एक अलग कानून तैयार किया जा रहा है, जिसमें सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी। मिल श्रमिकों के लिए आवास योजना अंतिम चरण में है और 90 प्रतिशत पात्रता सत्यापन पूरा हो चुका है। फर्जी माथाडी बोर्ड प्रकरण में एसआईटी की रिपोर्ट तैयार है और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं E-Shram पोर्टल पर 1.7 करोड़ असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है और उनके लिए 68 वर्चुअल बोर्ड बनाए गए हैं।
कृषि क्षेत्र में एआई और डेटा पर फोकस
कृषि मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘महा कृषि नीति 2025-29’ के तहत एआई (एआई) और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) का उपयोग करते हुए कृषि को टिकाऊ और तकनीक-संचालित बनाने का संकल्प लिया है, जिसके लिए 500 करोड़ रूपए का बजट तय किया गया है। किसान आईडी प्रणाली में अब तक 1.06 करोड़ से अधिक किसानों का पंजीकरण पूरा हो चुका है, जो अब सभी योजनाओं में आवश्यक कर दिया गया है। फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक 32,629 करोड़ रुपए मुआवजा वितरित किया गया है। बीज और उर्वरकों की गुणवत्ता निगरानी के लिए 62 उड़न दस्ते बनाए गए हैं और 183 लाख रुपए के नकली उर्वरक जब्त किए गए हैं। 71 लाइसेंस निलंबित और 69 रद्द किए गए हैं।
शिक्षा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और भर्ती पर फोकस
स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में सभी सरकारी स्कूलों में 100% बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। अब तक 19,000 शिक्षकों की नियुक्ति पूरी हो चुकी है और 10,000 नई नियुक्तियों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 11वीं की प्रवेश प्रक्रिया पहली बार पूरी तरह ऑनलाइन की गई है, और अब तक 5.5 लाख से अधिक छात्रों ने प्रवेश लिया है। तकनीकी दिक्कतों को तत्काल सुलझा लिया गया है। फर्जी शालार्थ आईडी मामले में राज्यव्यापी एसआईटी जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
विपक्ष के आरोपों पर सरकार का जवाब:
विधान परिषद में पेश प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के नेताओं अंबादास दानवे, सदाभाऊ खोत, भाई जगताप, प्रवीण दारेकर, प्रसाद लाड, परिणय फुके, शशिकांत शिंदे, और अभिजीत वंजारी ने तीखे सवाल पूछे। सरकार ने सभी बिंदुओं पर विस्तार से जवाब देते हुए कहा कि श्रमिकों की सुरक्षा, किसानों की समृद्धि और छात्रों का भविष्य तीनों ही उसकी प्राथमिकता हैं और सभी क्षेत्रों में नीतिगत और संरचनात्मक सुधार लागू किए जा रहे हैं। इस विस्तृत जवाब के बाद यह स्पष्ट हुआ कि राज्य सरकार तीनों ही क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर नीति निर्माण, पारदर्शिता और डिजिटल ट्रैकिंग के माध्यम से व्यवस्थाओं को सुधारने में जुटी है। हालांकि इन दावों की जमीनी हकीकत अभी आने वाले महीनों में ही सामने आएगी।