
मुंबई। राज्य में घटती छात्र संख्या, स्कूल न जाने वाले बच्चों और शिक्षा की गिरती गुणवत्ता को लेकर सरकार ने गंभीरता दिखाई है और इसके समाधान के लिए व्यापक उपायों की घोषणा की है। विधान परिषद में नियम 92 के तहत हुई आधे घंटे की चर्चा का उत्तर देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने यह जानकारी दी।
यू-डाइस आंकड़ों में दिखी गिरावट, लेकिन पीछे हैं अन्य कारण
मंत्री भुसे ने स्वीकार किया कि यू-डाइस (U-DISE) प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार कुछ क्षेत्रों में छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह से ड्रॉपआउट (school dropout) नहीं हैं। कई छात्र कक्षा 10 के बाद आईटीआई, डिप्लोमा जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की ओर रुख करते हैं, परंतु स्कूल रिकॉर्ड अपडेट न होने के कारण वे ड्रॉपआउट के रूप में दर्ज हो जाते हैं।
1 से 15 जुलाई तक चलेगा राज्यव्यापी विशेष अभियान
भुसे ने बताया कि 1 से 15 जुलाई 2025 के बीच राज्य में स्कूल न जाने वाले छात्रों को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत इन छात्रों की पहचान कर उन्हें पुनः विद्यालय में शामिल किया जाएगा।
आधार लिंकिंग और अपार आईडी से छात्रों पर निगरानी
राज्य सरकार हर छात्र की शैक्षणिक यात्रा पर डिजिटल नज़र बनाए रखने के लिए आधार लिंकिंग और अपार आईडी (एक विशिष्ट छात्र कोड) प्रणाली को सक्रिय रूप से लागू कर रही है। अब तक 86% छात्रों का डेटा एकत्र हो चुका है और 95% छात्रों की आधार लिंकिंग पूरी हो गई है।
गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षक नियुक्ति और सुविधाएं
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार ने शिक्षकों के प्रशिक्षण, मुफ्त किताबें और यूनिफॉर्म, मिड-डे मील, स्वच्छता, पेयजल, शौचालय और खेल सुविधाओं पर जोर दिया है। मंत्री भुसे ने बताया कि अब तक 9,000 उच्च शिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है, जबकि 10,000 और शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में है।
“कोई स्कूल बंद नहीं होगा” – शिक्षा मंत्री का आश्वासन
दादाजी भुसे ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि राज्य में कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा और हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण एवं आनंददायक शिक्षा मिलेगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और समाज के सभी वर्गों से इस दिशा में सहयोग की अपील भी की।