
मुंबई। भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने एक सम्मान समारोह में अपने पूर्व विद्यालय होली नेम हाई स्कूल को अपनी सफलता की नींव बताते हुए कहा कि स्कूली जीवन हर व्यक्ति की यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन की कई अमूल्य यादें इसी विद्यालय से जुड़ी हैं और यह उनके लिए गर्व का क्षण है कि आज उसी स्कूल को सम्मानित किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, “होली नेम स्कूल की शिक्षा, अनुशासन और संस्कृति ने मेरी अब तक की यात्रा में गहरा योगदान दिया है। यहीं से मैंने भारतीय संविधान के समानता के सिद्धांत को न केवल पढ़ा बल्कि उसे व्यवहार में महसूस भी किया। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता का मार्ग कठिन हो सकता है, लेकिन अगर कोई भी छात्र अपने करियर को लेकर गंभीर है तो उसे कड़ी मेहनत, ईमानदारी और जीतने की इच्छाशक्ति को अपना मूल मंत्र बनाना चाहिए। श्री गवई ने यह भी साझा किया कि उन्होंने अपने पिता की इच्छा को मानते हुए कानूनी क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला लिया, और आज वे उसी राह पर सर्वोच्च मुकाम तक पहुंचे हैं। इस अवसर पर मुंबई के आर्कबिशप जॉन रोडरिक्स ने भी गर्व और खुशी प्रकट की। उन्होंने कहा, “यह हमारे स्कूल के लिए अत्यंत सम्मान की बात है कि हमारे एक पूर्व छात्र आज देश की न्यायपालिका में सर्वोच्च पद को सुशोभित कर रहे हैं। वे हमारे हर छात्र के लिए प्रेरणा हैं।