Friday, July 11, 2025
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वैश्विक निवेशकों का झुकाव चीन की ओर

सरोज कुमार मिश्र
वैश्विक निवेशकों का रुख चीन की ओर आ चुका है। यह डीपसीक की वजह से हुआ है। एआई स्टार्टअप डीपसीक के आर 1 रीजनिंग मॉडल की अच्छी शुरुआत हुई है, जिसे संस्थापक लियांग वेनफेंग ने पेश किया है। वैश्विक निवेशकों का झुकाव चीन की ओर हो चुका है। आज की तारीख में चीन का जलवा है। ओपन एआई के सैम अल्टमैन भी अब चीन का राग अलाप रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लियांग वेनफेंग को महत्व दिया है। लियांग वेनफेंग के एआई मॉडल डीपसीक का अमेरिका पर जबरदस्त असर हुआ है। डीपसीक की वजह से अमेरिका के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इस समय हांगकांग में हलचल तेज है। हांगकांग का इतिहास है, हांगकांग की मुद्रा है हांगकांग डॉलर। अमेरिका के डॉलर और चीन के युआन को हांगकांग डॉलर में बदला जा रहा है। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है हांगकांग। चीन की अपनी हस्ती है। अमेरिका के बाद चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सैनिक परमाणु शक्ति भी है। हांगकांग की चीन से अलग आर्थिक व शासन प्रणाली है। ‘एक देश, दो प्रणाली’- ऐसे सिद्धांत पर है हांगकांग। इस समय हांगकांग के शेयरों में धन का प्रवाह है। हांगकांग का बेंचमार्क है हैंगसेंग इंडेक्स, जहां चीन की प्रमुख कंपनियां सूचीबद्ध हैं। जनवरी से अब तक हैंगसेंग इंडेक्स 17 प्रतिशत चढ़ा है। टेक्नोलॉजी शेयरों से चीन के बाजार में उछाल है। टेक, रक्षा, उपभोक्ता क्षेत्र में अवसर हैं। अमेरिका के स्टॉक मार्केट में गिरावट आई है। एस एंड पी 500 में 9 प्रतिशत की गिरावट आई है। चीन के शेयर सस्ते हैं और अमेरिका के शेयर ज्यादा महंगे हैं- जरूरत से ज्यादा मूल्यांकन है। हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स बढ़ता जाएगा। भारत तो बहुत पीछे है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का विरोध नहीं है, इसलिए चीन के दिन अच्छे हैं।
अब अमेरिका नहीं, चीन के शेयरों में आकर्षण है। भारत के बाजार संघर्षरत हैं। कई क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में तेजी है। लोग हवा का रुख देखते हैं — अब रुख चीन की ओर है। अल्पकालिक अवधि पर भी दांव लगाते हैं, इस दृष्टि से भी निवेशक चीन को देख रहे हैं। चीन की टेक फर्मों में तेजी है। उपभोक्ता आदतें बदल रही हैं। विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है, लेकिन मंदी की आहट है। अमेरिका के शेयरों का मूल्यांकन बहुत ज्यादा है। चीन को इसका फायदा है। विदेश स्थित फंड्स ने फरवरी में चीन में 3.8 बिलियन डॉलर निवेश किया। दीर्घकालिक निवेशक पूर्वानुमान पर काम करते हैं। बड़े अत्याधुनिक निवेशक अपने निवेश फैसले जल्दी नहीं बदलते। फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन- इन सबने चीन को नोटिस किया है। 27 देशों के यूरोपियन यूनियन ने चीन को ध्यान में लिया है। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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