
पुणे। भोर तहसील के बाजारवाड़ी गांव की गौरी मोहन शिंदे ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। एक ऑटो-रिक्शा चालक की बेटी गौरी ने अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और समर्पण से यह उपलब्धि हासिल की। गौरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के साधना हाई स्कूल से पूरी की और बाद में भोर के शिवाजी हाई स्कूल से कक्षा 10 की पढ़ाई की। स्नातक की पढ़ाई उन्होंने मुंबई के सोमैया कॉलेज से की। मराठी माध्यम में पढ़ाई करने के बावजूद, गौरी ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर यह साबित कर दिया कि भाषा या पृष्ठभूमि सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती।
पारिवारिक संघर्ष से मिली प्रेरणा
गौरी के पिता, मोहन शिंदे, एक किसान परिवार से हैं। धान की खेती से गुजारा न हो पाने के कारण वे 18 साल की उम्र में मुंबई आकर ऑटो-रिक्शा चलाने लगे। पारिवारिक संघर्षों के बावजूद उन्होंने गौरी की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी। गौरी ने बताया, “मेरे माता-पिता और भाई-बहन हमेशा मेरी ताकत बने रहे। उनके प्रोत्साहन और मेरी कड़ी मेहनत ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। गौरी की सफलता सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले लोग भी दृढ़ निश्चय और मेहनत के बल पर असाधारण लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।