Friday, July 11, 2025
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नवी मुंबई में जियो के 5G बेसबैंड यूनिट्स चुराने वाला गिरोह गिरफ्तार, 56 लाख की संपत्ति बरामद

नवी मुंबई। नवी मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने रिलायंस जियो के 5G मोबाइल टावरों से बेसबैंड यूनिट चुराने वाले एक संगठित गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का सरगना जियो की एक आउटसोर्स फर्म का पूर्व कर्मचारी था, जिसे इन बेसबैंड यूनिट्स की इंस्टॉलेशन का ठेका मिला था। आरोपियों की गिरफ्तारी से महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में दर्ज 13 आपराधिक मामलों का खुलासा हुआ है और कुल 56 लाख रुपये मूल्य की चोरी की संपत्ति बरामद की गई है। पुलिस के अनुसार, इन बेसबैंड यूनिट्स में सेमीकंडक्टर के रूप में लगभग 1 ग्राम सोना होता है, जो इन्हें स्क्रैप बाजार में मूल्यवान बना देता है। गिरफ्तार आरोपियों में परभणी निवासी ड्राइवर मधुकर रमेश गायकवाड़ (29), छात्र अभिषेक दीपक काकड़े (24), पनवेल निवासी बेरोजगार सौरभ सतीश मंजुले (24) और मालेगांव निवासी स्क्रैप कारोबारी दानिश इरशाद मलिक (22) शामिल हैं। गायकवाड़ और काकड़े ने उपकरणों की चोरी की, मंजुले वाहन लेकर पहुंचा और मलिक ने चुराई गई यूनिट्स को रिसीव किया। 26 जून से 6 जुलाई के बीच खंडेश्वर, तलोजा और पनवेल क्षेत्रों में जियो टावरों से चोरी की घटनाएं सामने आईं। पुलिस आयुक्त मिलिंद भारम्बे, संयुक्त आयुक्त संजय येनपुरे, अतिरिक्त आयुक्त दीपक साकोरे और उपायुक्त अमित काले के मार्गदर्शन में एसीपी अजयकुमार लांडगे के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी विश्लेषण और खुफिया सूचनाओं के आधार पर मालेगांव, सतना और परभणी में छापेमारी कर तीन आरोपियों को पडघा के पास गिरफ्तार किया और चौथे को सतना से पकड़ा गया। आरोपियों को 8 जुलाई को हिरासत में लिया गया और 11 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस ने अब तक 12 चोरी हुए 5G बेसबैंड यूनिट्स (मूल्य 32.4 लाख रुपए), तीन मोबाइल फोन (35,000 रुपए) और तीन वाहन (23.25 लाख रुपए) जब्त किए हैं। ये आरोपी मीरा-भायंदर, ठाणे ग्रामीण, रायगढ़ और मुंबई कमिश्नरेट के कुल 13 थानों में दर्ज मामलों से जुड़े पाए गए। जांच में यह भी सामने आया कि गायकवाड़ पर पहले से परभणी, पुणे और नई दिल्ली में चोरी के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने खुलासा किया कि यह एक संगठित गिरोह था, जो विशेष रूप से जियो के 5G बेसबैंड यूनिट्स को निशाना बना रहा था। इसी आधार पर आरोपियों पर अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 112 के तहत संगठित अपराध का अतिरिक्त आरोप लगाया गया है।

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