
मुंबई। महाराष्ट्र और विशेषकर मुंबई में गणेश चतुर्थी के दौरान एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। हर साल की तरह इस साल भी लालबाग के राजा, मुंबई के राजा (गणेश गली), जीएसबी, और अन्य प्रमुख सार्वजनिक पंडालों में 11 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में लाखों की संख्या में भक्तगण गणपति बप्पा के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। इस विशाल भीड़ को नियंत्रित करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुंबई पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। गणेशोत्सव के दौरान महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, मुंबई पुलिस ने विशेष व्यवस्था की है। सादे कपड़ों में पुलिस अधिकारी जुलूसों, भक्तों की कतारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात रहेंगे, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से निपटा जा सके। इसके अलावा, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि विसर्जन के बाद गणेश प्रतिमाओं की तस्वीरें सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीजे और ड्रोन पर प्रतिबंध
मुंबई पुलिस ने त्योहार के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए डीजे और ड्रोन के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई है। यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि गणेशोत्सव का उत्सव बिना किसी बाधा के शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो। मुंबई के लगभग 12,000 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के जुलूस पहले से ही शुरू हो चुके हैं, जिनके लिए पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर, विशेष आयुक्त देवेन भारती, और संयुक्त आयुक्त सत्यनारायण चौधरी ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है और दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
विशाल पुलिस बल की तैनाती
इस गणेश चतुर्थी के दौरान मुंबई पुलिस ने शहर भर में लगभग 12,420 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। इसमें 32 डीसीपी, 45 एसीपी, और 2,435 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, रैपिड रिस्पांस टीम, राइट्स कंट्रोल टीम, होमगार्ड, और अन्य सुरक्षा दलों को भी शहर की सुरक्षा और निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
गणेश गली के राजा का आकर्षण
गणेश गली के सेक्रेटरी स्वप्निल ने बताया कि इस साल पंडाल को उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर सजाया गया है, जिससे भक्तों को महाकाल का दिव्य स्वरूप देखने को मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मुंबई के राजा ने बड़े गणेश प्रतिमाओं की शुरुआत की, जो अब मुंबई में गणेशोत्सव की पहचान बन गई है। मुंबई में गणेश चतुर्थी का त्योहार सिर्फ धार्मिक आस्था का पर्व नहीं, बल्कि उत्साह, आनंद और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। इस साल भी, मुंबई पुलिस के कड़े इंतजामों और सुरक्षा उपायों के साथ, यह सुनिश्चित किया गया है कि भक्तगण बिना किसी चिंता के गणपति बप्पा के दर्शन कर सकें और इस महोत्सव का आनंद ले सकें।