पालघर। नवघर पुलिस ने शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व पार्षद स्वप्निल बांदेकर को आरटीआई कार्यकर्ता हिमांशु शाह और उनके दो अन्य सहयोगियों के साथ बिल्डर से 10 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि समूह ने बिल्डर को झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) की परियोजनाओं में बाधा डालने की धमकी दी और आरटीआई आवेदनों को रोकने के बदले में पैसे की मांग की।
बिल्डर को मिली धमकी, 10 करोड़ की मांग
34 वर्षीय बिल्डर आकाश पवन गुप्ता की शिकायत के अनुसार, वह वर्ली और माहिम में झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं पर काम कर रहा था। पिछले कुछ महीनों से बांदेकर और उसके सहयोगियों द्वारा दायर कई आरटीआई अनुरोधों की वजह से उसे परेशान किया जा रहा था। बिल्डर को उसके आर्किटेक्ट ने सूचित किया कि नालासोपारा के पूर्व पार्षद और उनके सहयोगी परियोजना से संबंधित लगातार आरटीआई आवेदन दायर कर रहे हैं। जब गुप्ता ने 22 अक्टूबर, 2024 को माटुंगा में एक कॉफी शॉप में बांदेकर और उनके साथियों से मुलाकात की, तो पूर्व पार्षद ने आरटीआई आवेदनों और शिकायतों की एक श्रृंखला दिखाते हुए 10 करोड़ रुपये की मांग की। जब गुप्ता ने 25 लाख रुपये की पेशकश कर मामले को निपटाने की कोशिश की, तो बांदेकर भड़क गए और कथित रूप से बिल्डर को गालियां दीं और हिंसा की धमकी दी। बांदेकर ने कथित तौर पर हिमांशु शाह से पूछा कि क्या वह बिल्डर को डराने के लिए बंदूक लाया है। अपनी सुरक्षा के डर से गुप्ता ने किश्तों में 1.5 करोड़ रुपये देने की सहमति जताई।
पुलिस ने जाल बिछाया, रंगे हाथों पकड़ाया आरोपी
बिल्डर ने जबरन वसूली के इस प्रयास की जानकारी पुलिस को दे दी। नवघर पुलिस ने उसे शनिवार को आरोपी से मिलने और 25 लाख रुपये की पहली किस्त देने की सलाह दी। मीरा रोड के एक रेस्टोरेंट में जब बिल्डर पहली किश्त देने पहुंचा, तो पुलिस ने हिमांशु शाह को रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद, पुलिस ने नालासोपारा ईस्ट से स्वप्निल बांदेकर, नितिन और किशोर को भी गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी (जोन I) प्रकाश गायकवाड़ ने पुष्टि की कि चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की जानकारी समय रहते साझा करने का आश्वासन दिया है।