महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering) में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे की पत्नी को बड़ी राहत दी है. एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी को कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. मंदाकिनी के वकील ने बताया कि ईडी की स्पेशल कोर्ट ने एक लाख रुपये के मुचलके पर उन्हें अंतरिम जमानत दी है.
बताया जा रहा है कि ईडी की कोर्ट ने मंदाकिनी खडसे को बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जब भी उन्हें बुलाया जाए जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा . इस दौरान वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगी . मंदाकिनी खडसे पर 2016 में पुणे में कथित भूमि सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. यह मामला ईडी द्वारा 2019 में दर्ज किया गया था.
5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने एकनाथ खडसे और उनके दामाद गिरीश चौधरी की 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी. खडसे से संबंधित 86 लाख रुपये के बैंक डिपॉजिट को भी फ्रीज कर दिया गया था. ईडी की टीम की ओर से जब्त की गई संपत्तियों में से लोनावाला में एक बंगला और जलगांव की प्रॉपर्टी शामिल था.
खडसे ने फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था
वहीं, एकनाथ खडसे ने भूमि सौदे के आरोपों के बाद 2016 में फडणवीस कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. उस समय वह राजस्व मंत्री के पद पर काम कर रहे थे. खडसे पर आरोप था कि उन्होंने भोसारी इलाके में अपने परिवार को सरकारी जमीन कम दाम में खरीदने में काफी मदद की थी. आरोप था कि गिरीश चौधरी के नाम पर 3.75 करोड़ रुपये में खरीदी इंडस्ट्रियल लैंड खरीदी गई . जबकि, इस जमीन की कीमत कई गुना ज्यादा थी. उस समय सरकार को 60 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था.
साल 2016 में पुणे के कारोबारी हेमंत गवांडे ने इस पूरे घोटाले के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. साल 2017 में एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी और गिरीश चौधरी के खिलाफ पुणे पुलिस के एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी. हालांकि, बाद में एंटी करप्शन ब्यूरो ने एकनाथ खडसे को आरोपों से मुक्त कर दिया था. लेकिन, ईडी ने जनवरी 2021 में इन तीनों पर केस दर्ज कर फिर से जांच शुरू की थी.