
मुंबई। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तरह की पहली पहल के तहत मुंबई सहित राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों में होने वाली मौतों का ऑडिट शुरू किया है। इसका उद्देश्य निवारक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करना और मौसमी बीमारियों के रुझान की पहचान करना है। निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक चिकित्सा विभाग के प्रमुखों को रोजाना विस्तृत मृत्यु रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। गूगल फ़ॉर्म के जरिए भेजी जाने वाली इस रिपोर्ट में भर्ती के समय मरीज की स्थिति, अस्पताल में रहने की अवधि और मौत का कारण दर्ज होगा। मृत्यु लेखा समिति इन आंकड़ों का विश्लेषण कर यह पता लगाएगी कि अलग-अलग मौसम में किन बीमारियों से सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं। एक डीन ने बताया कि भर्ती की परिस्थितियों और अन्य नैदानिक विवरणों की भी समीक्षा की जाएगी और रिपोर्ट नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी। यह निर्णय पिछले साल नांदेड़ और छत्रपति संभाजीनगर के घाटी अस्पताल में दवाओं की कथित कमी से हुई मौतों के बाद लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यदि बीमारी का कोई पैटर्न सामने आता है, तो समय रहते आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के बाद कई मरीज लंबी बीमारी और कमजोरी से जूझ रहे हैं, साथ ही वेक्टर जनित बीमारियों के मामले भी बढ़े हैं। ऑडिट में सभी आयु वर्ग- बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक को शामिल किया जाएगा और इसके निष्कर्ष राज्य भर में लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों के निर्माण में मदद करेंगे।