
उन्नाव, उत्तर प्रदेश। फरवरी 2026 में प्रस्तावित फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नाइट ब्लड सर्वे को सफल बनाने के लिए जनपद के प्रयोगशाला प्रविधिज्ञों का एक दिवसीय प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आए प्रविधिज्ञों को नाइट सर्वे की प्रक्रिया और तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि फाइलेरिया के परजीवी मनुष्य के रक्त में मुख्य रूप से रात्रि के समय सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह अभियान जनपद के अचलगंज, फतेहपुर-84, बांगरमऊ, बिछिया, औरास सहित कुल 06 ब्लॉकों में 16 नवंबर 2025 से 26 नवंबर 2025 तक चलाया जाएगा। सर्वे अवधि में प्रतिदिन रात्रि 10:00 बजे से 20 वर्ष व उससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों के रक्त की स्लाइड तैयार की जाएंगी। परीक्षण के बाद जिन मरीजों में माइक्रो फाइलेरिया के लक्षण पाए जाएंगे, उनका तत्काल उपचार कराया जाएगा। डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि सरकार ने फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2027 तक निर्धारित किया है, जिसे प्राप्त करने के लिए रोगियों की समय पर पहचान और उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में पाथ संस्था से आलोक कुमार शर्मा ने प्रशिक्षुओं को नाइट ब्लड सर्वे की प्रक्रिया एवं अन्य तकनीकी जानकारियां प्रदान कीं। प्रशिक्षण में सीएफएआर के जनपद कोऑर्डिनेटर, पीसीआई के स्टेट कोऑर्डिनेटर विकास द्विवेदी, श्रीमती प्रज्ञा, बायोलॉजिस्ट के.के. गुप्ता सहित वीबीडी टीम के सभी सदस्य उपस्थित रहे।




