
मुंबई। खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफडीए) बृहन्मुंबई कार्यालय में गणेशोत्सव, दशहरा और दिवाली के अवसर पर खाद्य व्यवसायियों के मार्गदर्शन हेतु शुक्रवार को एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को ताजा, स्वास्थ्यवर्धक और गुणवत्तापूर्ण मिठाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करना था, जिससे खाद्य विषाक्तता जैसी अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके। बृहन्मुंबई मंडल के मिठाई विक्रेता, मावा उत्पादक और वितरक इस बैठक में उपस्थित थे। एफडीए ने उन्हें खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि खाद्य व्यवसायी अपने लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन न करें और त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराएं। बैठक में सभी व्यवसायियों को यह निर्देश दिया गया कि वे खाद्य उत्पादों की शुद्धता और ताजगी बनाए रखें। मिठाइयों की गुणवत्ता की सख्त निगरानी की जाए और किसी भी प्रकार की मिलावट से बचा जाए। साथ ही, खाद्य सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जाए ताकि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की खाद्य विषाक्तता जैसी घटनाओं से बचा जा सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सहायक आयुक्त (खाद्य) गिरीश लिम्बुरकर, महेश चौधरी, संयुक्त आयुक्त (खाद्य) प्रदीप जैन, आर.डी. पवार, ज्ञानेश्वर महाले, अश्विनी रंजने, नसरीन मुजावर और एस.एस. सावंत जैसे अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही, एफडीए मुख्यालय के संयुक्त आयुक्त उल्हास इंगवाले ने भी बैठक में भाग लेकर खाद्य व्यवसायियों को मार्गदर्शन दिया। बैठक में करीब 40 खाद्य व्यवसायी शामिल हुए। उन्हें त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को ताजा और सुरक्षित खाद्य सामग्री प्रदान करने के महत्व को समझाया गया। इस अवसर पर, एफडीए ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार के नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक के माध्यम से खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने खाद्य व्यवसायियों को त्योहारों के दौरान सतर्कता बरतने और उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सेवा देने के लिए प्रेरित किया। त्योहारों के समय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल व्यवसायियों की जिम्मेदारी है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी आवश्यक है।