
मुंबई। महाराष्ट्र के समुद्र तटीय क्षेत्रों में किसानों और निजी क्षेत्र की ज़मीनों पर फैले मैंग्रोव वनों की रक्षा के लिए अब राज्य सरकार ‘कार्बन क्रेडिट’ जैसे प्रोत्साहन उपायों पर विचार कर रही है। पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को सशक्त बनाकर मैंग्रोव संरक्षण में भागीदार बनाएगी। यह बयान उस समय आया जब विधायक स्नेहा दुबे ने पालघर जिले में हो रहे मैंग्रोव वनों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाया। चर्चा में विधायक मनीषा चौधरी, संजय केलकर और राजेंद्र गावित ने भी भाग लिया और राज्य में तेजी से घटते मैंग्रोव कवर पर चिंता जताई।
‘मैंग्रोव सेल’ करेगा निगरानी
मंत्री पंकजा मुंडे ने सदन को बताया कि राज्य में मैंग्रोव संरक्षण के लिए विशेष रूप से वन विभाग के अंतर्गत ‘मैंग्रोव सेल’ गठित किया गया है, जो इन वनों की संरक्षण, निगरानी और अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का कार्य करता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ने वाले कारकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
अतिक्रमण पर कानूनी शिकंजा
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में अब तक ऐसे 19 मामलों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें मैंग्रोव भूमि पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण किए गए थे। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार मैंग्रोव वनों की कानूनी और पारिस्थितिकीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
किसानों को ‘ग्रीन गार्जियन’ बनाएगी सरकार
मंत्री मुंडे ने संकेत दिया कि मैंग्रोव वनों की रक्षा करने वाले किसानों और भूमि मालिकों को भविष्य में ‘कार्बन क्रेडिट’ के माध्यम से आर्थिक प्रोत्साहन दिया जा सकता है। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा बल्कि किसानों को आय का वैकल्पिक स्रोत भी प्रदान करेगा।