
संभाजीनगर। महाराष्ट्र के अहिल्यानगर तालुका पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्रपति संभाजीनगर में चल रही नकली नोट छापने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस कार्रवाई में 500 रुपए मूल्यवर्ग के कुल 60 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं, साथ ही 2 करोड़ 16 लाख रुपए के नोट छापने वाले विशेष कागज और 88 लाख रुपए मूल्य का अन्य सामान भी जब्त किया गया है। इस पूरे मामले में सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई उस वक्त शुरू हुई जब पुलिस को सूचना मिली कि नगर तालुका क्षेत्र में दो युवक रोजाना एक पान की दुकान पर जाकर 500 के नकली नोट देकर 100 रुपए की सिगरेट खरीदते थे। और बाकी के असली 400 रुपए लेकर निकल जाते थे। इस इनपुट के बाद पुलिस निरीक्षक प्रल्हाद गीते के नेतृत्व में एक टीम ने निखिल गांगुर्डे और सोमनाथ शिंदे को हिरासत में लिया। दोनों के पास से 80,000 रुपए के नकली नोट बरामद हुए। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि छत्रपति संभाजीनगर में नकली नोट छापने की एक फैक्ट्री चलाई जा रही है, जहां उन्नत प्रिंटर, स्कैनर, रंग, कटर और अन्य उपकरणों की मदद से ये नोट तैयार किए जाते हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री पर छापा मारा और वहां से बड़े पैमाने पर नकली करेंसी और नोट निर्माण में प्रयुक्त सामग्री जब्त की।
एसपी सोमनाथ घार्गे ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह है, जो नकली नोटों के जरिए बाजार में असली करेंसी को बदलकर धोखाधड़ी करता था। गिरोह के सभी सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और संभावना है कि इस रैकेट के तार राज्य के अन्य हिस्सों या अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस की इस कार्रवाई को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, जिससे नकली नोटों के प्रचलन पर गंभीर रोक लगाने में मदद मिलेगी। आगे की जांच के लिए जब्त सामग्री को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है और आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मुद्रा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।