
मुंबई। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मंगलवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति का उद्देश्य केवल परिवहन क्षेत्र में बदलाव लाना नहीं है, बल्कि एक स्वच्छ, स्वस्थ और आर्थिक रूप से मज़बूत मुंबई का निर्माण करना है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाना एक सामूहिक ज़िम्मेदारी है और इसे सभी हितधारकों के संयुक्त प्रयासों से ही संभव बनाया जा सकता है। सरनाईक “व्हील्स ऑफ़ चेंज- मुंबई के ऑटो और टैक्सी चालकों के लिए ईवी अपनाने को समझना” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों और उद्योग जगत के नेताओं ने मुंबई में ईवी अपनाने के भविष्य पर चर्चा की। कार्यक्रम में परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव डॉ. अविनाश ढकने, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (WRI) इंडिया के सीईओ माधव पई सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। मंत्री ने राज्य सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति को रेखांकित करते हुए कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र को हरित गतिशीलता का केंद्र बनाने के लिए ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों की सक्रिय भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहन न केवल पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं, बल्कि ये सार्वजनिक परिवहन चालकों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का साधन भी हैं। ये ईंधन की घटती-बढ़ती लागत से मुक्ति दिलाते हैं और बेहतर कमाई के अवसर प्रदान करते हैं। सरनाईक ने बताया कि राज्य सरकार प्रोत्साहन, सब्सिडी और चार्जिंग स्टेशनों के बुनियादी ढाँचे के विकास के माध्यम से ईवी अपनाने को आक्रामक रूप से बढ़ावा दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ परिवहन की ओर बदलाव एक स्वस्थ और टिकाऊ शहरी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। कार्यक्रम के दौरान ऑटो और टैक्सी बेड़े, जो मुंबई के दैनिक आवागमन का एक बड़ा हिस्सा हैं, के बीच ईवी की पहुँच बढ़ाने की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई। समापन में मंत्री ने कहा, “ईवी क्रांति प्रदूषण से निपटने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और चालकों की वित्तीय स्थिरता को मज़बूत करने का एक अवसर है। हमारा लक्ष्य एक ऐसा मुंबई बनाना है जो स्वच्छ, स्वस्थ और आर्थिक रूप से समृद्ध हो और इस दृष्टिकोण के केंद्र में ईवी हैं।