
मुंबई। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में रायगढ़ जिले के राजस्व विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी, गतिशील और जनोन्मुखी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि नागरिकों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए अधिकारी सीधे उनसे संवाद करें और जनसंवाद, लोकशाही दिवस जैसे माध्यमों से समाधान की दिशा में तत्परता दिखाएँ। उन्होंने राज्य सरकार के 150 दिवसीय कार्यक्रम के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर बल देते हुए रायगढ़ जिला प्रशासन को चेताया कि वह पीछे न रहे। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की पहचान कर उसका नियमितीकरण कर लाभार्थियों को मकान के पट्टे देने, नई रेत नीति के तहत पारदर्शी तरीके से रेत की आपूर्ति सुनिश्चित करने, और भूमि अभिलेख विभाग के आधुनिकीकरण के लिए जिला योजना निधि से खर्च करने के निर्देश भी दिए गए। मंत्री ने यह भी कहा कि पांड सड़कों को क्रमांकित किया जाए और उनके दोनों ओर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ ग्रामीण आधारभूत संरचना को भी मजबूती दी जाए। अर्ध-न्यायिक मामलों की सुनवाई को तीन महीने के भीतर लोक अदालत जैसे माध्यमों से निपटाने के निर्देश के साथ-साथ सातबारा उतारने, टुकड़ेबंदी, क्षेत्राधिकार, “1 में से 2 कब्जेदारों” को जीवन-यापन का दर्जा देने, आकार-पड़ भूमि मामलों के समाधान और स्वामित्व योजना के लाभों को पात्र नागरिकों तक पहुँचाने जैसे कार्यों को भी तय समय-सीमा में पूरा करने पर विशेष बल दिया गया। बैठक में रायगढ़ के जिला कलेक्टर और राजस्व अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने क्षेत्र के कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर मंत्री ने संतोष व्यक्त करते हुए जनता के प्रति जवाबदेही को विभाग की प्राथमिकता बनाए रखने की अपील की।