
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी और उनके वरिष्ठ सांसद व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तरफ से कई महीनों से लगाए जा रहे सभी आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जवाब दिया। साथ ही उन्होंने आरोपों पर हलफनामा दायर करने और देश से माफी मांगने बात कही। करीब एक घंटे 25 मिनट लंबे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव में धांधली, भाजपा से मिलीभगत से लेकर फर्जी मतदाता और वोट चोरी तक के सभी आरोपों का तथ्यों और तर्कों के साथ खंडन किया। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की ओर से चुनाव आयोग पर निशाना साधा जा रहा है, खासकर तब से जब आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से एसआईआर प्रक्रिया नहीं की गई थी, जबकि अब तक देश में 10 से अधिक बार यह प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है। आयोग के अनुसार, एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची का शुद्धिकरण करना है और इसी मकसद से बिहार में इसकी शुरुआत की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाया जाता है, तो आयोग सबको यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह निडरता से सभी वर्गों- गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा, किसी भी धर्म के मतदाता के साथ बिना भेदभाव के चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा उपलब्ध नहीं कराता और जानबूझकर ऐसी मतदाता सूची देता है, जिसे मशीन से नहीं पढ़ा जा सकता। इस पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुका है कि मशीन-पठनीय मतदाता सूची देना निजता का उल्लंघन हो सकता है। आयोग ने कहा कि मतदाता सूची को EPIC नंबर डालकर खोजा और डाउनलोड किया जा सकता है, लेकिन मशीन-पठनीय सूची प्रतिबंधित है।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया था कि कई मतदाताओं के नाम के आगे उनके पते में ‘जीरो’ लिखा गया। इस पर आयोग ने कहा कि मकान नंबर ‘जीरो’ होने का मतलब फर्जी मतदाता नहीं है। देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिनके पते में जीरो नंबर है, क्योंकि हर पंचायत में मकान नंबर नहीं होता और वोटर बनने के लिए मकान होना जरूरी नहीं है। सीसीटीवी फुटेज न देने के आरोप पर चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिनों तक राजनीतिक दल कोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं। उसके बाद आरोप लगाना केवल राजनीतिक मंशा को दर्शाता है। आयोग ने कहा कि मतदाताओं की निजता का उल्लंघन कर उनके वीडियो सार्वजनिक नहीं किए जा सकते। वहीं, एक ही व्यक्ति द्वारा कई जगह वोट डालने और भाजपा से मिलीभगत कर ‘वोट चोरी’ कराने के आरोप को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया। आयोग ने बताया कि मार्च 2025 में डुप्लीकेट EPIC कार्ड की समस्या की पहचान कर देशभर में लगभग तीन लाख ऐसे मामलों को सुधारा गया, जहां नंबर एक जैसे थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही चुनाव आयोग ने साफ कहा कि कानून के अनुसार हर राजनीतिक दल का जन्म आयोग में पंजीकरण से होता है, ऐसे में किसी भी दल के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दोहराया कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा और निष्पक्षता के साथ काम करता रहेगा।