
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने गुरुवार को देशभर के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश जारी किए। यह निर्देश नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल मैनेजमेंट (IIIDEM) में आयोजित दो दिवसीय सीईओ सम्मेलन के समापन सत्र में दिए गए। इस सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की, जबकि चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी उपस्थित रहे। बैठक में चुनाव आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों पर हुई प्रगति की समीक्षा की, ताकि मतदाता सूची की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
चुनावी राज्यों के सीईओ से विशेष बातचीत
आयोग ने उन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से विशेष रूप से संवाद किया, जहां आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं। जिनमें असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल* शामिल हैं। इन राज्यों में मतदाता सूची के अद्यतन, पात्र मतदाताओं के पंजीकरण, और डुप्लिकेट नामों को हटाने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई।
10 सितंबर की बैठक का फॉलोअप
यह सम्मेलन 10 सितंबर 2025 को आयोजित एसआईआर तैयारी बैठक के फॉलोअप के रूप में बुलाया गया था। इस अवसर पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी नवीनतम मतदाता सूचियों, पात्रता तिथियों (qualifying dates) और सूची अद्यतन की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं।
बिहार विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में अहम बैठक
गौरतलब है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। बिहार में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
2020 के बिहार चुनाव का परिदृश्य
2020 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-जेडीयू के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने 125 सीटें जीती थीं, जबकि राजद-कांग्रेस के महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। उस चुनाव में राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा ने 74 और जेडीयू ने 43 सीटें हासिल की थीं। अन्य दलों को 8 सीटें मिली थीं। आयोग का कहना है कि विशेष गहन पुनरीक्षण का मकसद प्रत्येक पात्र नागरिक को मतदाता सूची में शामिल करना और किसी भी प्रकार की त्रुटि या दोहराव को समाप्त करना है। यह कदम न केवल आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बल्कि 2026 के संभावित लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।