मुंबई। हाल में हुए विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करने के बाद महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने लगातार ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। इस पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को विपक्ष को कड़ी नसीहत दी। उन्होंने विपक्ष पर ईवीएम को लेकर लोगों को गुमराह करने और चुनावी जनादेश स्वीकार न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महायुति गठबंधन ने अपने कार्यों के दम पर चुनाव में जीत दर्ज की है। शिंदे ने विपक्ष को सलाह दी कि उसे हार को स्वीकार कर विकास कार्यों में सरकार का समर्थन करना चाहिए।
महायुति की शानदार जीत
20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार की राकांपा के महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और शरद पवार की राकांपा के एमवीए गठबंधन को सिर्फ 46 सीटें मिलीं। शिंदे ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे जीतते हैं तो ईवीएम सही होती है, लेकिन हारने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हैं।
विपक्ष को नसीहत
शिंदे ने कहा, “यह सही तरीका नहीं है। विपक्ष को समझना चाहिए कि लोगों ने उन्हें स्पष्ट रूप से नकार दिया है। चुनाव परिणाम जनता का जनादेश है, जिसे विपक्ष को स्वीकार करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि जनता ने उन्हें घर बैठने वालों के बजाय काम करने वालों को वोट दिया।
एमवीए के पुराने तर्कों पर पलटवार
शिंदे ने लोकसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि एमवीए को लोकसभा चुनाव में 43.71% वोट और 31 सीटें मिली थीं, जबकि महायुति को 43.55% वोट और 17 सीटें मिलीं। उन्होंने सवाल किया कि क्या उस समय हमें यह कहना चाहिए था कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई? उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक करार दिया।
महायुति का विकास कार्य
शिंदे ने कहा कि महायुति को जनता ने उनके काम के आधार पर चुना है। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वह विलाप करना बंद करे और सरकार के विकास कार्यों को स्वीकार करे। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा और पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य होंगे। शिंदे ने दावा किया कि महायुति को 49.30 प्रतिशत वोट मिले, जो एमवीए के 2.35 करोड़ मतों से लगभग 1 करोड़ अधिक हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने सरकार के प्रति अपना विश्वास दिखाया है, और विपक्ष को भी इसे स्वीकारना चाहिए।