मुंबई। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपने पिता और महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सराहना करते हुए कहा है कि उन्होंने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को त्यागकर “गठबंधन धर्म” का आदर्श उदाहरण पेश किया है। श्रीकांत ने बुधवार रात सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि उनके पिता ने समाज के हर वर्ग के लिए मेहनत की और महाराष्ट्र के लोगों के साथ अटूट रिश्ता कायम रखा। कल्याण से सांसद श्रीकांत ने कहा मुझे अपने पिता पर गर्व है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भरोसा बनाए रखा। उन्होंने गठबंधन धर्म निभाने के लिए मुख्यमंत्री का पद त्यागने का मन बना लिया। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आवास “वर्षा” के दरवाजे आम जनता के लिए हमेशा खुले रहे। गरीबों का आशीर्वाद ही उनके लिए सबसे बड़ी संपत्ति है। उनकी यह विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।
फडणवीस के लिए सीएम पद का रास्ता साफ
एकनाथ शिंदे ने पीएम मोदी और अमित शाह से बात कर नई सरकार के गठन में हरसंभव समर्थन देने का आश्वासन दिया है। शिंदे ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिवसेना नई सरकार में कोई बाधा नहीं खड़ी करेगी।
महायुति की जीत और नई सरकार की योजना
20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 230 में से 132 सीटें जीतीं। शिवसेना ने 57 और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें हासिल कीं। नई सरकार के गठन के लिए “2 डिप्टी सीएम” के फॉर्मूले पर चर्चा हो रही है। इसमें भाजपा, शिवसेना और एनसीपी से एक-एक प्रतिनिधि होगा। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं। शिंदे, फडणवीस और अजित पवार नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सरकार गठन की योजना पर अंतिम चर्चा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री भाजपा से होगा। उपमुख्यमंत्री पद शिवसेना और एनसीपी को दिया जाएगा। शिवसेना नेता ने इस निर्णय को न सिर्फ गठबंधन की मजबूती बल्कि महाराष्ट्र की जनता की सेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक बताया है।