
मुंबई। महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को ठाणे स्थित अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सस्पेंस पर महत्वपूर्ण बयान दिया। शिंदे ने साफ किया कि वह भाजपा हाईकमान के निर्णय का पूरा समर्थन करेंगे और मुख्यमंत्री पद पर किसी प्रकार का दावा नहीं करेंगे। शिंदे ने कहा, मैंने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से व्यक्तिगत रूप से फोन पर बात की। मैंने उनसे आग्रह किया कि मुख्यमंत्री पद के लिए जो भी निर्णय उचित हो, उसे लें। मैं उनके फैसले का पालन करूंगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का जो भी फैसला होगा, वह शिवसेना (शिंदे गुट) को मान्य होगा। शिंदे ने कहा, हमारी तरफ से कोई गतिरोधक नहीं है। मैंने कभी खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं देखा। मैं हमेशा एक आम आदमी की तरह काम करता रहा हूं।
फडणवीस के समर्थन के संकेत
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे बताया। फडणवीस को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बड़े नेताओं का समर्थन प्राप्त है, और यह संभावना है कि भाजपा उन्हें फिर से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है।
ढाई साल के कार्यकाल पर संतोष व्यक्त
शिंदे ने अपने कार्यकाल को लेकर संतोष व्यक्त किया और केंद्र सरकार को समर्थन देने के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने ढाई साल तक हमारा पूरा समर्थन किया। मैं अपनी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों से खुश हूं। शिंदे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने महायुति (एनडीए का महाराष्ट्र गठबंधन) पर भरोसा जताया, और हालिया चुनावी जीत सभी सहयोगी दलों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
महायुति में कोई दरार नहीं
शिंदे ने महायुति के भीतर दरार की खबरों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो सहयोगियों के बीच मतभेदों पर नाराज होते हैं। हम मिलकर महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे।
फडणवीस दिल्ली रवाना
इस बीच, देवेंद्र फडणवीस भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि वहां मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फडणवीस के पक्ष में भाजपा और आरएसएस के कई बड़े नेताओं ने समर्थन व्यक्त किया है, जिससे उनकी मुख्यमंत्री पद पर वापसी की संभावना मजबूत नजर आ रही है। शिंदे के बयान ने भाजपा नेतृत्व के लिए रास्ता साफ कर दिया है। अब यह देखना होगा कि भाजपा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर किसे नियुक्त करती है।