
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में घोषित प्रमुख सुधारों की सराहना करते हुए इन्हें भारत के लोगों के लिए ‘दिवाली का मीठा तोहफा’ करार दिया। बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के मौजूदा कर स्लैब को सरल बनाते हुए 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो श्रेणियों में समाहित करने का निर्णय लिया गया, जबकि विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर बरकरार रहेगा। शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस कदम के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों के लिए इस दिवाली को और भी मधुर बना दिया है। रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं, खासकर स्वास्थ्य सेवा और बीमा, अब अधिक किफायती हो गई हैं, जिससे नागरिकों को राहत मिलेगी। छोटे उद्योगों और व्यवसायों को भी इस निर्णय से बड़ी राहत प्राप्त होगी। शिंदे ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका के बढ़े हुए टैरिफ को स्वीकारने से भारत का इनकार देश की आत्मनिर्भरता की ओर दृढ़ निश्चय को दर्शाता है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। संशोधित जीएसटी ढांचे के तहत, 5 प्रतिशत की दर में घी, मक्खन, पनीर, डेयरी स्प्रेड, पैक नमकीन, भुजिया, रसोई के बर्तन और आवश्यक घरेलू व कृषि उत्पाद शामिल होंगे। ड्रिप सिंचाई प्रणाली, स्प्रिंकलर, ट्रैक्टर, टायर और कटाई उपकरण जैसे कृषि उपकरण भी इस श्रेणी में होंगे। छोटे उद्योग, हस्तशिल्प, महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण और डायग्नोस्टिक किट को भी इसी श्रेणी में रखा गया है। 18 प्रतिशत स्लैब को अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं के लिए मानक दर बनाया गया है, जिसमें उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू सामान, पेशेवर सेवाएं, ऑटोमोबाइल क्षेत्र, 350cc तक की छोटी कारें और मोटरसाइकिलें शामिल हैं। सभी ऑटो पार्ट्स पर भी यही दर लागू होगी। 40 प्रतिशत स्लैब लक्जरी और अहितकर वस्तुओं पर लागू रहेगा, जिनमें तंबाकू उत्पाद, पान मसाला, शर्करा युक्त पेय, 350cc से ऊपर की हाई-एंड मोटरसाइकिलें, लक्जरी कारें, नौकाएं और हेलीकॉप्टर शामिल हैं।