Thursday, November 21, 2024
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संपादकीय:- मणिपुर का माजरा क्या है?

मणिपुर हमारे देश के पूर्वोत्तर का बेहद खूबसूरत प्रदेश है जहां बीजेपी की सबल इंजिन सरकार है। वहां मैतेई और कुकी, मणिपुर के दो प्रमुख समुदाय हैं। मैतेई समुदाय के हिस्से सत्तर प्रतिशत भूभाग है। उनकी आबादी अधिक तो वोटर भी अधिक हैं जबकि कुकी समुदाय पहाड़ी जंगली इलाके में रहता है। मैतेई समुदाय अधिकतर हिंदू हैं। कुकी क्षेत्र ने हिंदू आदिवासी, मुस्लिम और ईसाई भी हैं। मैतेई को आरक्षण प्राप्त है जबकि कुकी को नहीं। कुकी की मांग है उन्हें भी आदिवासी दर्जा और आरक्षण मिले। आरएसएस ने मैतेई समुदाय के हिंदू आदिवासियों को बीजेपी से जोड़ रखा है। कुकी समाज के प्रति बीजेपी सरकार का अलग रवैया सदा से रहा है। बीजेपी वाले वहां विदेशी यानी ईसाई हस्तक्षेप को ही संघर्ष के लिए दोषी बताते हैं। दो साल से दोनो समुदायों में पट नहीं रही। एक दुसरे के खून के प्यासे हो चुके हैं। धीरे धीरे मैतेई समुदाय का बीजेपी से भरोसा उठाने लगा है।आर्थिक समस्या का समाधान सेना नहीं रोजगार है, न्याय है। बीजेपी की केंद्र सरकार अरसे से मणिपुर की अशांति हत्याएं आगजनी की घटनाओं को छुपाती चली आ रही है। महिलाओं की अस्मत लुटाना सामान्य बात हो गई। सुप्रीम कोर्ट एक वीडियो जिसमें दो महिलाओं को नग्नावस्था में सड़क पर घुमाया गया था। अब ड्रोन से हमले किए जा रहे हैं। जब तक कुकी समुदाय के साथ न्याय करते हुए आरक्षण नहीं मिल जाता, संघर्ष विराम नहीं होगा। संसद में कांग्रेस नेताओं ने मोदी का स्पष्टीकरण मांग लिया है। तब से घाव पर मरहम नहीं लगेगा। बीजेपी मणिपुर मामले को लेकर कभी भी संजीदा नहीं दिखी। पहले तो मामला दबाने की भरपूर कोशिशें की मगर नग्न महिलाओं के सड़क पर वहशी भीड़ द्वारा का विडियो सोशल मीडिया में वायरल होने पर सुप्रीमकोर्ट के सीजेआई चंद्रचूड़ ने संज्ञान ले कर मामले की गंभीरता को और अधिक बढ़ा दिया। राहुल गांधी धन्यवाद प्रस्ताव में बहस के समय मोदी को सदन में आकर स्पष्टीकरण देने की मांग रखी फिर भी मोदी सदन के बाहर बोलते रहे। संसद में आने से बचते रहे। अंत में आए भी तो शेम शेम करते हर विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया। बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्त पलट होने पर बीजेपी ने बड़ा शोर मचाकर वोटरों को लुभाने की बड़ी कोशिश की। मोदी को शेख हसीना का बचाव करना जरूरी लगा। सोशल मीडिया में बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित अत्याचार की खबरे वायरल होने लगी जबकि सोशल मीडिया में ही बांग्लादेश हिंदू संगठन के पदाधिकारी ने इंकार कर दिया।
दो साल बाद भी मणिपुर की हिंसक आग बुझी नहीं। बीजेपी आग बुझाना भी नहीं चाहती।राहुल गांधी मणिपुर जाकर पीड़ितों से मिले। उनकी परेशानी समझी और जख्मों पर मरहम भी लगाया।मोदी शाह में इतनी हिम्मत नहीं कि वे मणिपुर जा सकें। आज भी मणिपुर जल रहा है। शाह हरियाणा जीतने के मंसूबे बांध रहे और मोदी अमेरिका जा पहुंचे। अमेरिका में भी उनका वह शानदार स्वागत नहीं हुआ जो पहले हुआ करता था।राहुल गांधी पर बीजेपी आरोप लगाती रहती है कि कोई भी देश में आपदा हो तो वे विदेश भाग जाया करते हैं लेकिन सच तो यह है कि जब मणिपुर जल रहा हो दो साल से तो उसकी चिंता करने, समस्या का समाधान करने,शांति स्थापित करने की जगह मोदी विदेश यात्रा पर चले जाते हैं। इसी कारण अब देश में कहा जाने लगा है मोदी को अपने ही देशवासियों की तनिक भी चिंता नहीं है। अगर भाजपा विपक्ष में होती तो मणिपुर मामले में सत्ता पक्ष के खिलाफ धरना प्रदर्शन करती रहती लेकिन दस साल से ऊपर सत्ता सुख भोग करने वाली बीजेपी को देश की तनिक भी चिंता नहीं रहती। जो दूसरों के लिए कुआं खोदता है वह उसी में जा गिरता है। मोदी ने भीमराव आम्बेडकर के पोते पर दबाव बनाया था जैसा स्वीकार किया। मोदी के खिलाफ अमेरिका में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो गया।

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